एक बेनाम लड़की
एक बेनाम लड़की
एक गांव मे बहुत ही प्यारा एक घर था । उस घर मे चार लोग रहते थे। मा बाप और दो बच्चे, एक का नाम था सुख देव और दूसरे का नाम बलदेव। सुखदेव बड़ा भाई था । उन लोगो की जिंगदी बहुत अच्छे से कट रहा था । दोनों भाई पड़ाई लिखाई तो नही किए थे ,लेकिन खेती किसानी करके अपना जीवन यापन करते थे।
जब उसकी मां का तबीयत खराब हुई तो वैद्य के पास लेकर गए लेकिन उन्हें कमजोरी थी। दवाई चल रहा था उनकी मां का लेकिन वो पहले की तरह घर का काम अच्छे से नहीं कर पाती वन थी। तो उन लोगो ने सोचा कि सुखदेव बड़ा हो गया है , क्यों न उसकी शादी करा दे । वो लोग सुखदेव से इस बारे में दूसरे दिन बात किये । सुखदेव शादी करने के लिए तैयार हो गया।
वो लोग पास के गांव की एक लड़की देखने गए । उन लोगों को लड़की पसंद आ गई । सुखदेव की शादी कुछ दिनों में हो गयी । जब। बहू ससुराल में अाई तो कुछ दिनों तक तो सबसे अच्छे से पेस आई फिर उसके बाद वो उन लोगों से लड़ने झगड़ने लगी , सुखदेव भी उसकी पत्नी का पक्ष लेता था।
एक दिन बलदेव खेत से आया भूखा प्यासा । बलदेव अपने भाभी को खाना निकालने के लिए बोला , लेकिन उसकी भाभी गुस्से से बोली खुद निकाल कर खा लो मै किसी की नौकरानी नही हूं।
बलदेव कुछ नही बोला चुपचाप खाना निकाल कर खा लिया। शाम को बहू अपने सास पर चिल्लाई बेवजह ,तो बलदेव से रहा नहीं गया और अपने भाभी की खींच के एक तमाचा लगाया, तो सुखदेव आकर बलदेव को आकर मारा और बोला _ मेरी बीवी सही बोल रही है, मा घर के काम में थोड़ा सा भी तो हाथ नही बटाती है ।
ये सुनकर उसका बाप बोल पड़ा तुम लोग आज से इस घर में नहीं रहोगे । ये कब सुनते ही सुखदेव की बीवी बोल पड़ी कि हम कहीं जाने वाले नही है हर चीज़ के दो हिस्से होंगे । वो लोग हर चीज केदो हिस्से कर दिये ।
फिर एक दिन जब बलदेव खेत जा रहा था तो एक पोटली देखा, उस पोटली में सोने का बिस्किट था ।(दरअसल एक सोनार दूसरे गांव जा रहा था सोना लेकर उसी में से अक पोटली गिरा था) बलदेव उसको लेकर घर आ गया , और अपने मां बाप को बताया । बलदेव दूसरे दिन उसे लेकर सोनार के पास गया , उससे बलदेव को बहुत सारा पैसा मिला। उसके मा बाप ने उसकी भी शादी करा दी। लड़की अच्छी थीं , वो गरीब फैमिली से थीं। वो लोग नया घर बनाए और हंसी ख़ुशी रहने लगे ।
इधर उसकी भाभी उन लोगो को देखकर जलने लगी। एक दिन रात में बलदेव के घर के बाहर आकर कुछ चीज को नीचे जमीन पर गिरा दी , आवाज सुनकर बलदेव बाहर निकल कर देखा तो सुखदेव की बीवी खड़ी थी उसका हाथ पकड़ लिया और फिर जोर जोर से चिल्लाने लगी बचाव बचाव करके , एक एक करके सारे लोग बाहर आ गए । फिर सुखदेव की बीवी ने,बलदेव पर गलत आरोप लगाया - कि इसने मेरी इज्जत लूटने की कोशिश की है करके। घर वाले और बाहर वाले किसी ने उसकी बातो पर यकीन नहीं किए । क्योंकि वो सबसे लड़ती झगड़ती रहती थी और बलदेव बेचारा सीधा साधा था ।
कभी किसी से लड़ाई नहीं करता था। उसका पति भी उससे तंग आ गया था उसने भी यकीन नहीं किया , वो अपने पत्नी को जोर से एक थप्पड़ मारा और अपने मा बाप के पास वापस आ गया। सुखदेव को अपनी गलती का अहसास हो गया था। अब उसकी पत्नी क्या करती अकेली हो गई थी उस घर में , बात करने को भी कोई नहीं था।
एक दिन रात में उसके घर चोर घुस गया और सारे समान को ले गया । जब सुबह उसकी पत्नी उठी तो देखती है कि घर का सारा सामान गायब हैंvतो उनके होश उड़ गए। अब आे क्या करती खाना भी नहीं था खाने को । उसको अपनी गलती का एहसास हुआ और माफी मांगने बलदेव के घर चली गई और माफी मांगने लगी , सब लोग बहुत अच्छे थे इसलिए उन्हें माफ कर दिए। उसके बाद सब लोग हंसी बन खुशी रहने लगे.
