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Gaurav Rai

Drama

2.5  

Gaurav Rai

Drama

एक उम्मीद

एक उम्मीद

1 min
298


अब फाल्गुनी से और इंतज़ार नहीं हो पा रहा था। अमित ने वादा किया था कि वह फाल्गुनी के घर आकर अपने और फाल्गुनी के रिश्ते के बारे में बात करेगा। इधर फाल्गुनी के पिता उसके लिए रिश्ते तलाशने में लगे हुए थे। इकलौती बेटी थी। एक संभ्रांत परिवार में पूरे धूम-धाम से अपनी बेटी की शादी करना चाहते थे। फाल्गुनी के पिता को अमित बिल्कुल भी पसंद नहीं था लेकिन फिर भी वह चाहते थे कि अमित आकर उनसे एक बार बात करें। फाल्गुनी अमित के इंतज़ार में बैठी थी।

अब उसके सब्र का बाँध टूट रहा था। आँखों में सैलाब आने को तैयार था। उसे अब अमित पर भरोसा नहीं हो पा रहा था कि वह उन दोनों के रिश्ते को लेकर गंभीर है भी या नहीं। तभी फ़ोन की घंटी बजती है। फाल्गुनी ने फ़ोन का चोंगा उठाया। दूसरी तरफ से बस एक ही आवाज़ आई, "मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता।" फाल्गुनी भागते हुए सीधे अपने कमरे में गई। अब बाँध टूट चुका था। सैलाब अपनी हदें पार कर चुका था और अपने साथ सारी उम्मीदें भी बहा ले गया।


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