Anil Anup

Inspirational

4  

Anil Anup

Inspirational

एक ट्रांसवुमेन का दर्द...

एक ट्रांसवुमेन का दर्द...

6 mins
595


बरेली में स्टेज परफॉर्म कर काफी अवॉर्ड-रिवॉर्ड जीतने वाली ट्रांसवुमन सोनिया पांडे इन दिनों रेलवे में जॉब करती हैं। सोनिया की इच्छा अगले साल तक मुंबई आकर अपने डांस का हुनर लोगों के सामने लाने की है। लड़के से लड़की बनीं सोनिया ने ट्रांसजेंडर डे पर अपने इस सफर की बातें-

जब बहनों की शादी हुई तो मेरी शादी की बात होने लगी। उस समय भी खुलकर नहीं कह पाई। अगर मना करेंगे, तब पूरे खानदान की इज्जत मिट्‌टी में मिल जाएगी। उस समय इंडीकेशन देती थी कि शादी में दिलचस्पी नहीं है, लेकिन उन्हें समझ में नहीं आया।

मेरी शादी हुई, पर शारीरिक संबंध नहीं बना, क्योंकि मेरे अंदर ऐसी कोई फीलिंग ही नहीं थी। बात बढ़ी तो घरवाले पूछने लगे। मैंने बताया कि मेरे अंदर लड़की वाली फीलिंग है। यह सुनकर घर में बहुत बवंडर मचा। जहां शादी हुई थी, उन्होंने भी बहुत उल्टा-सीधा सुनाया। आखिरकार एक साल में तलाक हो गया।

छोटी थी तो लड़कियों के कपड़े पहनने का बहुत मन करता था। मां मुझे फ्रॉक पहनाती थी, तब बड़ी खुश होती थी। मां से कहती थी कि मेरे कपड़े मत बदलना, मुझे यही पहनना है। 12-13 साल की हुई, तब समझ आया कि मेरा जन्म गलत शरीर में हो गया है। मन लड़की का है, पर शरीर लड़के का।

13-14 साल की उम्र में बॉडी में हार्मोंस चेंज हुए, तब लड़कों में दाढ़ी-मूंछ की रेखा और लड़कियों में फिजिकल चेंजेज आने शुरू होते हैं। उस समय मुझे लगने लगा कि मैं ट्रैप्ड हूं। मेरी सोच लड़की की है और शरीर लड़के का है। क्या मैं ही दुनिया में ऐसी हूं या मेरे जैसे और भी लोग दुनिया में हैं, लेकिन इतनी हिम्मत नहीं होती थी कि अपनी बात मम्मी-पापा, बड़ी बहनों या फिर टीचर से कह सकूं कि मैं अलग हूं।

मेरी पैदाइश और शिक्षा बरेली (उत्तर प्रदेश) में हुई। भाई-बहनों के बीच मैं चौथे नंबर की हूं। अब पापा नहीं रहे, मम्मी के साथ रहती हूं। कथक में ग्रेजुएशन करने के साथ-साथ पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 2006 में मेरी जॉब रेलवे में लगी। बचपन में मम्मी-पापा कहते थे कि लड़कियों के साथ उनके गेम क्यों खेलते हो? तुम लड़के हो, लड़कों के साथ रहो, क्रिकेट खेलो। समझ नहीं आता था कि क्या जवाब दूं। दिखावे के लिए क्रिकेट भी खेलती थी। स्कूल में लड़कियों के साथ डांस करने का मन करता था, लेकिन टीचर मुझे लड़कियों के साथ लेती नहीं थी।

कॉलेज शायद मेरा सबसे बुरा दौर था। मुझ में जो टैलेंट था, उसे कभी निकाल नहीं पाई। डांस भी कमरे के अंदर करती थी, जिससे लोग यह न कहें कि लड़कियों का डांस करता है। उन दिनों को याद करती हूं, तो बहुत बुरा लगता है, क्योंकि हमारे जैसे लोग अपनी बातें किसी से कह ही नहीं पाते। यहां तक कि मम्मी से भी नहीं। सोचती थी कि अपनी बातें कहूंगी तो मार पड़ेगी, मजाक बनेगा या फिर घर-स्कूल में मजाक बनेगा। कहीं शादी में जाती थी, तब मन करता था कि लड़की होती, तब लहंगा-चोली पहनती। पैंट-शर्ट बोझ-सा लगता था। घुटन-घुटन-सी होती थी। हमेशा लड़का बनने का दिखावा करना पड़ता था, जबकि अंदर से मैं लड़का थी ही नहीं।

ट्यूशन टीचर ने किया डेढ़ साल तक शारीरिक शोषण

बचपन में मेरा शारीरिक शोषण भी हुआ है। छठी-सातवीं में थी, तब पापा ट्यूशन पढ़ने भेजते थे, तब उन्होंने डेढ़ साल तक मेरा बहुत ज्यादा शारीरिक शोषण किया। वे मेरे अंगों को पकड़ते और मुझे अपने अंगों से टच करने के लिए कहते थे। मुझे पता नहीं था कि ऐसा क्यों कर रहे हैं। अगर नहीं करती तो डांटते-धमकाते थे। कहते थे किसी से कहोगे, तो फेल कर दूंगा। लोग मेरी ही गलती निकालते, जबकि लोग नहीं सोचते कि यह कुदरती है।ट्रांसवुमन बनकर महिलाओं की तरह इज्जत मिली

अब अपना जेंडर चेंज करने के बारे में पूरी तरह सोच लिया, लेकिन जेंडर चेंज करने से पहले ऐसा लगने लगा था कि मुझे कल मौत आनी हो तो आज आ जाए। इस शरीर से मुक्ति मिल जाए ताकि अगले जन्म में लड़का या लड़की बनकर जन्म ले सकूं। खैर, सर्च किया तो पाया कि ट्रांसवुमन बनकर जीवन जी सकती हूं। जब से ट्रांसवुमन बनी, तब से एक औरत की तरह रिस्पेक्ट मिलने लगी है। अब तो मुझे लड़कों की तरफ से शादी के लिए ऑफर भी आते हैं।

अभी तक शादी का फैसला नहीं लिया है, लेकिन अब पूरे जीवन का निचोड़ बताऊं। पहले जितना दुखी थी, अब ट्रांसवुमन बनकर उतनी ही ज्यादा खुश हूं, क्योंकि अब किसी को कुछ कहने की जरूरत नहीं पड़ती है। अब जो दिखती हूं, वही बोलना है। पहले बोलती थी, तब मजाक बनाते थे। एजुकेटेड हूं, इससे पर्सनैलिटी पर बहुत फर्क पड़ा। शायद एजुकेशन नहीं होता, तब इतना कुछ कर भी नहीं पाती। आज मेरा जो मुकाम है, वह शिक्षा ही है। शिक्षा ही मेरी ताकत है, जिससे जगमगा रही हूं।

डिस्चार्ज के समय डॉक्टर ने लिखा- अब ये लड़की है

इस समय 35 साल की हूं। 33 की उम्र में जेंडर चेंज करवाया था। डॉक्टर के पास गई तो उन्होंने कहा- ऐसा नहीं होता है कि तुमने कह दिया, तो तुम्हें लड़की बना दूंगा। तुम्हें पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा। प्रक्रिया हुई और दो साल में मुझमें बदलाव आने शुरू हो गए और सर्जरी हुई। इस ऑपरेशन में चार लाख रुपए लगे। डिस्चार्ज के समय डॉक्टर ने लिखकर दे दिया कि आज से यह लड़का नहीं, लड़की है। इससे हमारे आधार कार्ड और पैन कार्ड में जेंडर चेंज हो जाता है।

ट्रांसवुमन बनने की प्रक्रिया के दौरान रेलवे में जॉब करती थी। मेरे हॉर्मोंस बदले तो शरीर में बदलाव आने लगा। मैं जींस और टॉप पहनने लगी तो स्टाफ के कुछ लोग सवाल उठाने लगे कि ये क्या कर रही हो। मैंने सच बताया तो वो लोग मेरा मजाक बनाने लगे। कहने लगे कि इतने अच्छे लड़के हो, जिदंगी खराब कर रहे हो। ऐसा क्यों कर रहे हो, मां-बाप के इज्जत की धज्जियां उड़वाओगे, मां-बाप और बहनों को लोग क्या कहेंगे, तरह-तरह की बातें कहते थे। कुछ लोगों को लगता था कि ऐसा कर लूंगी, तो मुझे किन्नर उठाकर ले जाएंगे।मेरी मां मेरे साथ खड़ी रही

कुछ लोग ऐसे भी थे, जो मुझे सपोर्ट भी करते थे। मेरी मां मेरे साथ खड़ी रहीं। उन्होंने कहा कि तुम्हें जिसमें खुशी मिले, वह करो, मैं तुम्हारे साथ हूं। मां, मां ही होती हैं। शायद वह दुखी भी होंगी तो मेरे सामने दिखाती नहीं थीं, जबकि बहनें एतराज जाहिर करती हैं। आज भी पहले जैसा प्यार नहीं है।

रेलवे डिपार्टमेंट में जेंडर चेंज करने की बारी आई, तब उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि तुमने पहले सूचित नहीं किया, इसलिए हम तुम्हारा नाम चेंज नहीं कर सकते। तुम्हारा नाम वही रहेगा, जो है। सर्विस रिकॉर्ड में मेरा वही नाम चल रहा था। रेलवे में सफर करते हुए और मेडिकल जांच करवाते समय अस्पताल की सुविधा में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता था। मेरे पास मीडिया और चैनल के लोग आने लगे। आज ऑनलाइन लोग मुझसे सलाह लेते हैं।

ट्रांसवुमन की क्वालिटी को साबित करना चाहती हूं

अभी रेलवे में जॉब कर रही हूं, लेकिन ट्रांसफर लेकर या वीआरएस लेकर मुंबई शिफ्ट होना चाहती हूं। यह मेरी इच्छा है। अपने अंदर के डांस जुनून और कला को बाहर लाना चाहती हूं। ट्रांसवुमन की क्वालिटी को प्रूव करना चाहती हूं। भगवान क्या रास्ता दिखाएगा, यह तो पता नहीं। वहां ऐसा कोई लड़का मिलता है, जिसे लगता है कि मेरे साथ जिदंगी बिता सकता है। छोटे शहरों की छोटी सोच और बड़े शहरों की बड़ी सोच होती है। अपने जैसे लोगों की हेल्प करना चाहती हूं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational