एक रिश्ता सुकून का
एक रिश्ता सुकून का


कई बार हमें जिंदगी में कुछ ऐसे रिश्ते मिलते हैं, तो दूर-दूर तक हमारे अपनों के लिस्ट में नहीं होते, उनसे हमारा कोई खून का रिश्ता नहीं होता, बस होता है एक भावनात्मक लगाव जो जिंदगी कि हर परेशानियों में मुस्कुराने की वजह बन जाता है। समाज में इन रिश्तों का शायद कोई नाम ना हो, या इन रिश्तों को कोई स्वीकार ना करे, लेकिन अगर आपने अपनी जिंदगी के हर मोड़ पर खुद को अकेला पाया है, तो किसी के हाथ थामने का एहसास ही काफी है जिंदगी जीने के लिए।
अपनों को अपनी जिंदगी देने के बाद भी जो आपको हर वक्त परायापन मिले, किसी का अपना कह देना भी आपके मुस्कुराने की वजह बन जाता है।
जिंदगी में जरूरत नहीं आपको कि हजारों लोग आपको अपना कह सके, एक इंसान ही काफी है, अगर वो आपको समझे और दिल से अपनाए ,
जिंदगी में चाहे आप जितने भी रिश्ते बनाइए जितने भी लोगों से बनाइये, उनको समझने की कोशिश करिए, अच्छे बुरे हर समय में उनके साथ रहे अपना अभिमान, अपने घमंड के नीचे किसी के प्यार और अपनेपन को मत दबने दीजिए।
जिनको अपना कहिए उनको दिल से अपनाइये, "मतलब के नहीं "जो दिलों को सुकून दे सके ऐसे रिश्ते बनाइए ।