दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
पति की शराब पीने की लत ने घर गृहस्थी चौपट कर दी !
झगड़ा, धमकी, मिन्नतें पति पर कुछ असर नही करतीं और अब जहरीली शराब ने उन्हें भी लील लिया ! छोटे-छोटे बच्चों के साथ कहाँ जाये, कैसे गुज़र बसर करे ? बहुत रो चुकी, पर रोने से तो जीवन नहीं कटता।
सोचती हुई वह चुपचाप लेटी शून्य में ताक रही थी कि अचानक उसकी नज़र पेड़ पर घोंसला बनाती नन्ही चिड़िया पर पड़ी ! परसों आया तूफान उसके घोंसले को भी तो तहस-नहस कर गया था पर वह फिर से तिनका-तिनका बटोरकर नीड़ तैयार कर रही थी।
देखकर उसके मन की उलझन कम होने लगी !
"जब एक नन्ही सी चिड़िया बगैर घबराये दोगुने जोश के साथ मेहनत कर रही है तो मैं तो फिर इंसान हूँ...यहाँ नहीं पर कहीं तो ठिकाना मिलेगा, बस प्रयत्न करना पड़ेगा... सोचते ही वह उठ बैठी, बिखरी गृहस्थी बसाने और माँ बाप दोनों ही बनकर बच्चों की शिक्षा और बेहतर पालन पोषण करने का दृढ़निश्चय करके अनजान सफर की ओर कदम बढ़ा रही थी !
