Ayesha Jumani

Tragedy

4.7  

Ayesha Jumani

Tragedy

चिड़िया

चिड़िया

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एक पिंजरे में कैद चिड़िया

सिर्फ उड़ने के सपने देख सकती है

जब तक उसको रिहा ना किया जाए

वो कुछ नहीं कर सकती है।


भले वो पहली बार में उड़ना ना सीखे 

गिरेगी, लड़खड़ायेगी पर उड़ेगी ज़रूर 

उसका गिरना उसकी बेबसी से सौ

गुना बेहतर है 

उसकी कोशिश, उसकी कामयाबी है ।


पर अफसोस उसे कोई ये करने नहीं देगा

अब धीरे धीरे सब ख़तम सा नज़र आता है

अब लगता है उसकी जिन्दगी इस पिंजरे में

ख़तम हो जाएगी 

विशाल आकाश में उड़ने का सपना बस

सपना ही रह जाएगा 


काश वो समझ पाते के उसकी जिन्दगी

और वो पिंजरे में कैद होने के लिये नहीं

बल्कि दुनिया में अपना नाम करने के

लिये बने थे।।


वो एक दिया थी जो हजारों अंधेरे रास्तों में

उजाला कर सकती थी

पर अब तो उसकी ही जिन्दगीं में घोर

अंधेरा छा सा गया है।

अब उम्मीद टूट रही है

अब आँखें नम होके थक चुकी है

अब दिल और नहीं संभाल पा रही है

अब वो और सह नहीं सकती 


वो चाहती है की अब या तो उसको

रिहा किया जाए या फिर उसकी

मौत उससे ले जाए बहुत दूर सबसे दूर।।


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