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Mrs. Mangla Borkar

Inspirational

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Mrs. Mangla Borkar

Inspirational

चाबियों का गुच्छा

चाबियों का गुच्छा

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एक दिन हमारी दुकान में एक युवक हाथ में चाबियों का एक बडा सा गुच्छा थामे अंदर आया और हमारी गाड़ी का नंबर बताकर बोला "सर । मैं पार्किंग से आया हूं । आप जरा अपनी गाड़ी साईड में कर लें या मुझे चाबी दे दें । मैं ढंग से लगा देता हूं । "


' तुम्हे पहले तो पार्किंग में देखा नहीं ' पापा जी ने पूछा ।


' मुझे ठेकेदार ने अभी नया - नया रखा है' युवक ने जवाब दिया । उसके हाथ में ढेंरो चाबियां देखकर पापा ने बिना शक उसे गाड़ी की चाबी दे दी ।    


काफी देर तक जब चाबी वापस नही लाया तो पापा ने स्टाफ से बाहर पता कारवाया । उन्होने आकर बताया कि बाहर न तो गाड़ी है और न ही वह युवक । इस पर पापा ने तत्काल पुलिस को सूचित कर दिया ।  संयोग से गाड़ी  में पेट्रोल नाम मात्र ही था । तो  गाड़ी हमको शाम को ही थोडी दूर पर मिल गई| हमे यह सीख मिल गई कि कभी भी अधूरे परिचय के आधार पर किसी पर विश्वास नही करना चाहिए ।


 


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