उसके हाथ में ढेंरो चाबियां देखकर पापा ने बिना शक उसे गाड़ी की चाबी दे दी । उसके हाथ में ढेंरो चाबियां देखकर पापा ने बिना शक उसे गाड़ी की चाबी दे दी ।
क्या इस इमारत को खड़ा करते वक्त इसके प्रयोजन की पवित्रता का ख़्याल नहीं रखा जा सका? क्या इस इमारत को खड़ा करते वक्त इसके प्रयोजन की पवित्रता का ख़्याल नहीं रखा जा स...
सुबह पांच बजे बेहद कर्कश आवाज में अलार्म बजा। सुबह पांच बजे बेहद कर्कश आवाज में अलार्म बजा।
अब सब अपने दिमाग के घोड़े दौड़ा रहे थे कि आखिर रितेश का पर्स गया कहाँ अब सब अपने दिमाग के घोड़े दौड़ा रहे थे कि आखिर रितेश का पर्स गया कहाँ
राहुल के लिये.. इतना आकर्षण.. उसकी छुअन.. सब अभी भी महसुस हो रहा है.. और मन ही मन सोचती है.. की हां,... राहुल के लिये.. इतना आकर्षण.. उसकी छुअन.. सब अभी भी महसुस हो रहा है.. और मन ही म...