sarvesh srivastava

Tragedy Crime

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sarvesh srivastava

Tragedy Crime

बलात्कार

बलात्कार

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  • मै माँ बाबा की लाडली, मेरा जनम उनका उपहार हुआ
  • मैं छोटी सी गुड़िया बड़ी हुईं तो यौवन का सिंगार हुआ
  • मैं उसी देश में जन्मी जहां दुर्गा और काली का त्यौहार हुआ
  • इस देश में नारी देवी है, ये चर्चा पूरे संसार हुआ
  • फिर क्या ग़लती थी, मेरी जो मुझ पर ये अत्याचार हुआ
  •  कहीं दिन ढलते, कही दिन दहाड़े, कही सरे बाजार हुआ
  • मेरे दामन में दाग लगे, मेरी इज़्ज़त से खिलवाड़ हुआ
  • हाँ मैं वही दामिनी, वही प्रियंका, वही देवी जिसका बलात्कार हुआ
  •  ग़लती जिसने की वो छूट गए यहां डगमग मेरा संसार हुआ
  • कानून के आँखों पर काली पट्टी थी
  • वो इंसाफ का मंदिर जैसे झूठों का बाजार हुआ
  • कटघरे में मैं खड़ी रही और एक के बाद एक तीखे सवालों का वार हुआ
  • क्यों घर से बाहर गई थी? क्या कपड़े पहने थे? किसने पकड़ा किसने जकड़ा? वो दुष्कर्म कितनी देर कितनी बार हुआ ? 
  • गई तो थी इंसाफ मांगने पर लगा जैसे उस दिन तन का और आज मन का बलात्कार हुआ
  • हां मैं उसी देश की बेटी जहां काली और दुर्गा का त्यौहार हुआ
  •  हां मैं वही दामिनी, वहीं प्रियंका, वही देवी जिसका बलात्कार हुआ
  •  जब घर आई तो सोचा सब मेरे दुख को समझेंगे
  • पर बेगानों सा व्यवहार हुआ
  • मेरी जींस जली, किताबे जली, सपने जले पल भर में राख का अंबार हुआ
  • यह सब देख अंदर से टूटी मैं, मेरा जीना दुश्वार हुआ
  • फिर झूल गई मैं सूली पर, दर्द हुआ पर एक बार हुआ
  • लोग आए नेता आए रो-रो कर, ना जाने कितने फूलों का अंबार हुआ
  •  हां मैं उसी देश की बेटी थी जहां दुर्गा और काली का त्यौहार हुआ
  • हां मैं वही दामिनी, वही प्रियंका, वही देवी जिसका बलात्कार हुआ
  •  हाँ सच सुना ऐसा इसी देश में होता है
  • मासूमों को सजा और अपराधी चैन की नींद सोता है
  •  सब जानते हैं वो इंसान बुरा है, बलात्कारी है
  • वो इसी समाज के लिए सबसे बड़ी बीमारी है
  • पर होगा कुछ नहीं,जानता समाज
  • कानून सब उसके आभारी हैं
  • वो किसी मंत्री का बेटा तो कभी आदमी सरकारी है

 अमानत इस देश में बेटी को लोग कहते हैं 

पर कैसे महफूज रहेगी वो अमानत जब तक हर गली हर नुक्कड़ पर बुरी नजर वाले लोग रहते हैं


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