बिटिया
बिटिया
12 साल की सलोनी को उसकी माँ सुलाकर, चादर ओढ़ाकर, सलोनी के कमरे की लाइट ऑफ कर दरवाजा सटाकर दूसरे कमरे में चली जाती है। सलोनी के कमरे की खिड़की खुली हुई है, रात के 2 बजे खिड़की पर हल्की सी आहट होती है। पाइप पर चढ़कर खिड़की के रास्ते एक चोर कमरे में दाखिल होता है। पहले सलोनी के कमरे का अच्छे से मुआयना करता है। कमरे में मद्धम सी लाल रंग की रौशनी जल रही है और सलोनी गहरी नींद में है। चोर अब सलोनी के कमरे से बाहर निकलकर घर के बाकी हिस्सों में जाता है। घर के बाकी लोग भी गहरी नींद में हैं। चोर चुपके से घर में चोरी करता है और फिर वापस लौटने के लिए सलोनी के कमरे में जाता है। उस मद्धम लाल रौशनी में अचानक उसकी नज़रें सलोनी के चेहरे पर आ टिकती हैं। चोर की नियत बदल जाती है और उसके अंदर का जानवर जाग जाता है। उस प्यारी सी मासूम बच्ची में भी उसे वासना की वस्तु नजर आती है। वह कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर जैसे ही सलोनी पर ओढ़ाए गए चादर को बुरी नियत से हटाता है कि तभी उसका मोबाइल वाईवरेट होने लगता है।
चोर जल्दी में फोन डिस्कनेक्ट करता है लेकिन फिर कॉल आ जाता है। कॉल उसी की बिटिया का था।
चोर कोने में जाकर कॉल रिसीव करता है और बहुत धीमी आवाज में कहता है, "बोलो क्या है, क्यों इतनी रात को फोन किया, मैं काम पर निकला हूँ ना।क्यों मुझे तंग कर रही है जा जाकर चुपचाप सो जा तू।"
उधर से चोर की बेटी भर्राई आवाज में कहती है "हाँ बापू, मैं अब हमेशा-हमेशा के लिए सो जाऊंगी।जैसे माँ हमे छोड़कर चली गयी अब मैं भी तुमको हमेशा के लिए छोड़कर चली जाऊँगी।" चोर चौंकते हुए कहता है,"अरे तू कैसी बहकी-बहकी बातें कर रही है, क्या हुआ है, तेरी तबियत तो ठीक है।।?" लेकिन चोर की बिटिया लगातार रोए जाती है। चोर डाँटते हुये पूछता है, "अरे तू रोये क्यों जा रही है, कुछ बोलती क्यों नहीं। बोल, बोल जल्दी क्या बात है ?"
उधर से उसकी बिटिया रोते हुए सिर्फ इतना बोलती है कि "बापू, पड़ोस के झूलन काका ने मेरे साथ बुरा कर दिया।" फिर वह और जोरों से रोने लगती है।
इतना सुनना था कि चोर के होश उड़ जाते हैं। वह हक्का-बक्का रह जाता है और वहीं उसी कोने में सर पर हाथ धडकर बैठ जाता है। उसकी आँखें शून्य की तरफ चली जाती हैं और सहसा ही आंखों से आँसू बहने लगते हैं जो यह इशारा करते हैं कि आज उसे एहसास हो रहा है कि दूसरी बच्चियों की भी इज्जत होती है। जैसा अभी उसकी बिटिया को दर्द हो रहा है वैसे ही दूसरी बच्चियों को भी दर्द महसूस होता होगा, उनका भी दम घुटता होगा जब कोई उनके बचपन को बेरहमी से कुचलता होगा।