भूतिया मौसी नानी
भूतिया मौसी नानी
एक बार की बात है। तब मैंं बहूँत छोटा था, जब मेंरी मौसी नानी छत पर चने समेंट रही थी। तब अचानक से आँधी आ गयी। उसके बाद एक भूत-प्रेत करकट को उड़ाकर के साथ लाया , जिससे टकरा के वो मृत्यु को प्राप्त हो गयी। उनके तेरह दिन के कार्यक्रम के बाद भी वह अपने घर में सुबह तीन बजे झाड़ू लगा देती थी। कुछ दिन बाद मामु की शादी हो गई। उसके बाद मौसी की भी शादी हो गई। फिर मामु नाना की शादी हूँई। इस कार्यक्रम में वो भी शामिल हूँई। वो अपने वधु के शरीर में प्रवेश कर गई और फिर अपने पसंदीदा वस्त्र, आभूषण अपने भाई से माँगी। लावा भूंजने के बदले उनका सारा उपहार उनके बेटी एवं दामाद को दे दिया गया।वे अपने परिवार के सदस्य के लिए कुछ रूपये घड़ा, अनाज की कोठी में रखा था। उसके बारे में जानकारी देते हूँए कहा कि अब मेंरे पास अधिक समय नही है। मैं सभी को सुखी जीवन जीने का आशीर्वाद देती हू। स्वप्न में भी कभी-कभी वो आज भी आ जाती है तो मैं भयभीत हो जाता हूँ।