Preeti Singh

Drama

4.0  

Preeti Singh

Drama

भूख

भूख

3 mins
373


"कुछ खबर मिली ?" श्यमा ने पूछा।  कल वह अपने साथ काम करनेवाली सखी से मिली जो बगल में रहती है। उसने श्यामा को बताया था की सरकार मुफ्त राशन और जरुरी सामान दिहाड़ी मजदूरों को बाँटेगी।

यह सुन दो दिनों से भूखी श्यामा के नेत्र चमकने लगे। जहाँ उसे कल तक सरकार निर्मम लग रही थी, आज वही दानी और परोपकारी लगने लगी।  

 उसने अपनी सखी से अपनी दशा न बताते हुए उससे जल्दी से विदा ली। शायद औरतें ऐसी ही होती है....... घर की बात बाहर नहीं बाँटती।

 अंदर आकर श्यामा ने सबसे पहले ये बात अपने पति से बताई और उसे पता लगने के लिए कहा ताकि वह जाकर देखे की ये सामान कब और कहाँ मिलेगा ? पति भी बात सुन खुश हुआ। हालांकि पति पत्नी दोनों ही दो दिनों से भूखे थे और खाने के लिए तड़प रहे थे, किन्तु दोनों में से किसी ने भी एक - दूसरे से अपनी इस तड़प का बयान नहीं किया था।  

 आस में बैठी श्यामा से उसका पति नज़रें कैसे मिलाए , ये सोच ही रहा था कि श्यामा स्थिति भाप गई और बोली, "छोड़ो सरकार भी क्या करें बिचौलिए ही हड़प लेते होंगे। अब पानी पीओ और कोई तरकीब सोचो गाँव चलने की .... अब यहाँ न रहा जाएगा, अपनी खेती ही भली है, शहर तो होते ही छलावा है। "

 इससे पति को पत्नी की भूख का एहसास हो गया और वो पहले से भी ज्यादा परेशान हो गया सोचा, "परिवार में यही तो है बस, ये भी नहीं रहेगी तो अकेला जी कर क्या करेगा ? सच कह रही है श्यामा यहाँ रुक कर भी क्या फायदा सारी जमापूँजी भी ख़त्म हो गई है।  लॉक डाउन न जाने कब तक खुले और मजदूरी तो पता नहीं मिले की न मिले और कब तक मिले कोई भरोसा नहीं। "

यही सब सोचते हुए अचानक दिमाग में बिजली- सी कौंधी और उसे याद आया की बाजार में कोई बात कर रहा था की शेल्टर होम का भी तो सरकार ने इंतजाम किया है और क्या क्या करेगी सरकार ..... बस अब क्या था, उसके दिमाक में एक प्लान रेडी हो गया..... , वह भी वहाँ तक पहुंचेगा कम से कम खाने का तो प्रबंध हो ही जाएगा। आज तक लॉक डाउन के नियमों का उलंघन नहीं किया पर मिला क्या भूख से मरने की नौबत आ गई....... नहीं अब और नहीं कम से कम श्यामा के लिए तो उसे नियमों को तोड़ना ही होगा, इस तरह वह उसे भूख से तड़पता नहीं देख सकता।  

 फिर क्या था उसने तुरंत श्यामा को जगाया और उसे अपनी प्लानिंग कह सुनाई श्यामा बहुत खुश हुई परन्तु उसने आगे की पूछी तो पति ने कहा, "आगे की आगे सोचेंगे पहले भूख से तो जीत जाए। "

आधी रात होने में कुछ वक्त था दोनों तैयार बैठे थे और भगवान से प्रार्थना कर रहे थे की हाईवे पे पहुंचते ही उनको कोई सरकारी कर्मचारी पकड़ ले और शेल्टर होम तक पंहुचा दे ,  बस.........।


Rate this content
Log in

More hindi story from Preeti Singh

Similar hindi story from Drama