बहू नहीं तू मेरी बेटी है
बहू नहीं तू मेरी बेटी है
24 साल की स्नेहा की लाश सामने देख कर हर किसी के आंसू नहीं रुक रहे थे. अभी दो साल भी नहीं हुए थे उसकी शादी को. माता-पिता इतने अमीर नहीं थे लेकिन बी एस सी . कर रही उनकी स्नेहा को जब राहुल के घर से रिश्ता आया तो उन्होंने तुरंत हां कर दी. राहुल अच्छा पढ़ा-लिखा था और अच्छी नौकरी भी थी. उसके पिता का देहांत हो चूका था लेकिन माता सरकारी नौकरी करती थी. घर तो ऐसा था जैसे कोई महल हो, बस इन्ही चीज़ों के लिए स्नेहा में माता-पिता ने न तो एक बार स्नेहा से उसकी मर्जी पूछी न ही ज्यादा जाँच पड़ताल की. इसका नतीजा आज सबके सामने था.
दरअसल सुबह तड़के स्नेहा के ससुराल से किसी व्यक्ति का फ़ोन उन्हें आया और उसने बताया कि आपकी बेटी ने सुसाइड कर लिया है. यह सुनकर सबके पैरों तले जमीन खिसक गयी कि अभी रात को ही तो उनकी बात हुई थी. हाँ, स्नेहा कुछ उदास लग रही थी लेकिन उन्हें लगा की मामूली बात होगी. छोटे-मोटे झगड़े और बहस तो होती रहती है. स्नेहा की शादी को अभी दो साल भी नहीं हुए थे .असल में स्नेहा अपने माता-पिता से अक्सर कहा करती थी की ससुराल में उसे तंग किया जाता है. उसका पति कोई काम नहीं करता. बाद में जब उसके माता -पिता ने पता किया तो जानकारी मिली कि राहुल कोई काम नहीं करता और उसने अपनी शिक्षा के बारे में भी गलत बताया था.
स्नेहा की लाश को निहारती माँ के दिमाग में बेटी की वही बातें चल रही थी जो उसने कल बताई थी कि उसे आज खाने के लिए कुछ भी नहीं दिया गया है. वो रो कर उसे यहाँ से ले जाने के लिए कह रही थी कल लेकिन उसकी माँ ने उसे समझा दिया, उसे उसकी छे महीने की बेटी का वास्ता दिया ताकि स्नेहा घर न आ जाए. उसकी माँ भी समाज से डर रही थी कि लोग क्या कहेंगे. और सुबह यह खबर आ गयी. जब वो लोग राहुल के घर पहुंचे तो इतना बड़ा घर होते हुए भी स्नेहा को छत पर एक छोटा सा कमरा दे दिया गया था, वहां पहुंचे, वो कमरा बाहर से बंद था. जैसे ही वो कमरे के अंदर गए, स्नेहा की लाश सोफे पर पड़ी थी और एक दुपट्टा उसके गले में था. उसके पिता से जैसे ही स्नेहा के शव को हिलाया उसके नाक से खून निकलने लगा, स्नेहा की माँ जोर-जोर से रोने लगी और उसने अपनी बेटी के शव को हिलाया तो पीठ पर मारपीट के निशान दिखे दे. उन निशानों को देखते ही स्नेहा की माँ के मुँह से निकला, कैसे बोलती थी इसकी सास कि बहू नहीं मेरी बेटी है तू स्नेहा!! देखो कैसे मार दिया!१
पूरा घर छान मारा पर न तो वहां स्नेहा की सास थी न पति और न ही उसकी छे महीने की बेटी और न ही उसके गांव का कोई अन्य व्यक्ति. पूरा दिन ऐसे ही निकल गया, स्नेहा के गांव के लोगों ने पुलिस को उसके पति को लाने के लिए कहा ताकि उसका संस्कार हो सके. अगले दिन पुलिस उसे ढूंढ लायी और संस्कार हुआ. पिता ने केस किया और उसे पुलिस ले गयी लेकिन अगले ही दिन राहुल का एक वीडियो वायरल होने लगा जिसमे उसने कहा कि स्नेहा का किसी के साथ अफेयर और शारीरिक सम्बन्ध थे इसलिए वो हमारे घर में खुश नहीं रहा करती थी, इसी वजह से उसने ख़ुदकुशी कर ली.
पूरा केस ही बदल दिया गया. स्नेहा का पति शरीफ, उसकी सास बेकसूर, स्नेहा कॅरेक्टरलेस और उसके माता-पिता झूठे साबित हो गए. आज वो पति वैसे ही बेफिक्र घूम रहा है. इसमें नुकसान किसका हुआ? देखा जाए तो इसमें गलती स्नेहा के माता-पिता की भी थी जिन्होंने केवल समाज के लिए कम उम्र में जब लड़की अभी पढ़ रही थी और पढ़ना चाहती थी. उसकी शादी करा दी और वो भी सिर्फ पैसा देख कर. जब स्नेहा कहती थी कि वो खुश नहीं है तो पहले उसे परिवार बढ़ाने और फिर वहीँ रहने और वही उसका घर है जैसी बातें कही गयी और अंजाम वही हुआ जो होना था. एक और मासूम की बलि ले ली गयी. वैसे यह केवल एक स्नेहा नहीं बल्कि ऐसी कई स्नेहाओं की कहानी है.