भलाई का काम
भलाई का काम
दोस्तों आज की दुनिया में दूसरों के बारे में अच्छा सोचने वाले लोग बहुत कम मिलते हैं और इस short moral story के माध्यम से मैं आपको ये बताना चाहता हूँ कि आपको जब भी मौका मिले एक भलाई का काम जरूर करना।
तो चलिये बढ़ते हैं कहानी की ओर-
एक बार की बात है एक नाविक ने अपनी नाव को पेंट करवाने के लिये एक पेंटर को बुलाया और अपनी नाव दिखाकर कहा कि,"इसको पेंट कर दो !"
इतना कह कर नाविक अपने घर चला गया उस पेंटर ने उस नाव को पेंट कर दिया, जैसा कि नाव का मालिक चाहता था। पेंटर ने नाविक के घर जाकर अपने पैसे लिए और चला गया।
अगले दिन, पेंटर के घर पर वह नाविक पहुँचा, और उस पेंटर को एक बहुत बड़ी धनराशी दी। पेंटर भौंचक्का हो गया, और उसने पूछा -"किस बात के इतने पैसे हैं ?" मेरे पैसे तो आपने कल ही दे दिये थे।
नाविक ने कहा - ये पेंट के पैसे नहीं है, बल्कि ये उस नाव में जो छेद था,
उसको रिपेयर करने का पैसा है।
पेंटर ने कहा - अरे साहब, वो तो एक छोटा सा छेद था, जिसे मैंने मसाले से बंद करने के बाद पेंट कर दिया था। उस छोटे से छेद के लिए इतना पैसा मुझे, ठीक नहीं लग रहा है। नवीक ने कहा - पेंटर साहब, तुम मेरी बात इस तरह नहीं समझ पाओगे। अच्छा में विस्तार से समझाता हूँ। जब मैंने तुम्हें पेंट के लिए कहा तो जल्दबाजी में तुम्हें ये बताना भूल गया कि नाव में एक छेद ह
ै उसको भी रिपेयर कर देना और जब पेंट सूख गया, तो मेरे दोनों बच्चे उस नाव को समुद्र में लेकर नौकायन के लिए निकल गए। मैं उस वक़्त घर पर नहीं था, लेकिन जब लौट कर आया और अपनी पत्नी से ये सुना कि बच्चे नाव को लेकर नौकायन पर निकल गए हैं। तो मैं चिंता में आ गया क्योंकि मुझे याद आया कि नाव में तो छेद है। मैं तुरंत दौड़ता हुआ भागा उस तरफ,
जिधर मेरे प्यारे बच्चे गए थे। लेकिन थोड़ी दूर पर मुझे मेरे बच्चे दिख गए, जो सकुशल वापस आ रहे थे।
अब मेरी ख़ुशी और प्रसन्नता का आलम तुम समझ सकते हो। फिर मैंने छेद चेक किया, तो पता चला कि, मुझे बिना बताये तुम उसको रिपेयर कर चुके हो।तो मेरे दोस्त उस महान कार्य के लिए तो ये पैसे भी बहुत थोड़े हैं। मेरी औकात नहीं कि उस कार्य के बदले तुम्हें ठीक ठाक पैसे दे पाऊँ।
इसलिए दोस्तों जीवन में भलाई के काम का जब भी मौका मिले हमेशा कर देना चाहिए, भले ही वो बहुत छोटा सा कार्य ही क्यों न हो क्योंकि अगर जिंदगी में कभी आपके हाथों कोई ग़लती हो जाये या कोई काम गलत हो जाए तो आप अपने-आप को इस बात से चिंतामुक्त कर सकते हो कि आपने अपनी जिंदगी में भलाई का काम भी किया है तो सदैव प्रयत्नशील रहो कि हम भी किसी की नाव रिपेयरिंग करने के लिए हमेशा तत्पर रहें।
क्योंकि कभी कभी वो छोटा सा कार्य भी किसी के लिए बहुत अमूल्य हो सकता है।