Girish Billore

Comedy

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भारत विश्व गुरु जरूर बनेगा

भारत विश्व गुरु जरूर बनेगा

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 फत्ते जी किसी भी बात को इस तरह से पेश करते जैसे दुनिया की सबसे रहस्यमई जानकारी उनके ही पास है। जैसे कि पौराणिक व्रत कथाओं का महत्व बारास्ता सूतजी ज्ञात होता था। ठीक उसी तरह सबसे छिपाकर सेठ मन्नूलाल को कोंटे (बुंदेली शब्द कोने के लिये प्रयुक्त ) में ले जाकर जानकारी दे रहे नज़र आते हैं। 

सेठ मन्नूलाल के बारे में सबको मालूम है कि वह अत्यधिक सीधे और सज्जन परंतु बेचैन आत्मा है। उनके कुछ मातहत उनको गोलू कहा करते हैं । वैसे भी नाम में क्या रखा है गेंदे को गुलाब कहो या गुलबकावली या फिर भाजपा का चुनाव चिन्ह आनी कमल रहेगा तो गेंदा ही न..sss !

 असल में सेठ जी दुनियादारी से बेखबर आसपास के एनवायरमेंट के संदर्भों को आसानी से नहीं समझ पाते बस इसी का फायदा फत्ते उठा लेते हैं। इससे पत्ते को क्या मिलता है यह रहस्य अवश्य है ? 

 वैसे तो बाक़ी दुनिया में समाचार और सूचना बहुत तेजी से विस्तारित हो जाती हैं । सच्ची-झूठी हर ख़बर को रहस्यमय तरीके से पेश करने से व्यक्तित्व में अद्भुत निखार आता है । लोग लालबुझक्कड़ का ओहदा आसानी से हासिल के लेते हैं । सेठ मन्नूलाल की तरह हज़ारों लोगों के लिए इस तरह के। चिलमची ज़रूरी हैं। एक दिन लक्खा आया सेठ का बचपन का जिगरी-दुश्मन था । उसकी आमद के पहले ही फत्ते भाग गया कोई बहाने से। लक्खा ने आते ही खूब दाई-मताई (गाली गलौज) की । जब भाई लौट गया तब फत्ते के उप-चिलमची ने व्हाट्सएप कर दिया -दद्दा लक्खा गओ..!

इतना पढ़ते ही भाई वापस आ गया। उधर सेठ मन्नूलाल का चेहरा देखकर फत्ते ने मरहम पट्टी करते हुए कहा -"दादा, हम न थे.. साले की ठठरी बांध देते । दादा मेरी नज़र में लक्खा पिछले साल से ही खटकता है.. जब आपको उसने कचर कचर के हलवा बना दिया था, हम यहां होते तो उसकी खाट खड़ी कर देते । मित्रो फत्ते जब भी ऐसे मौके आते कभी भी धटना स्थल पर मौजूद नहीं पाए जाते। 

फत्ते के वचनों से सेठ में आज लगी दिल की चोट और पिछली पिटाई की चोट मिलाकर जो दर्द का मिक्सचर बन रहा था उसे महसूस करते सेठ मन्नूलाल की आत्मा कल्पायमान हो रही थी । ब्लड प्रेशर सीमाओं को लांघ रहा था । तब चिलमची फत्ते ने सेठानी को फुनिया दिए । सेठानी से बीपी का डोज़ पूछा उधर सेठानी ने जो दवा बताएं उसे कागज में लिख कर फत्ते भाई खुद दवा खरीदने निकल पड़े लगभग 2 घंटे बाद लौटे । लौटते ही बताया कि -" सेठ जी, यह दवा बहुत दूर से लाया हूं !" वास्तविकता तो यह थी कि दवा नुक्कड़ वाली दुकान पर मिल गई थी। और अगर फत्ते बाबू बता देते कि नजदीकी दुकान से लाए हैं तो उसमें कितना श्रम कितनी बुद्धि का उपयोग हुआ है इस बात का एहसास सेठ जी नहीं कर पाते। पक्का यही चरित्र राष्ट्रीय चरित्र है कहानी तो आपको मालूम होगी शेर जब जंगल में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ता है बंदर उसकी सबसे प्रचार टीम के मेंबर होते हैं उनका काम होता है इस डाली से उस डाली पर उस डाली डाली पर। बंदरों की उछल कूद में आप कभी कमी नहीं पाएंगे। आप ऐलान बस कर दीजिए। कि आप चुनाव लड़ रहे हैं।

 आज देश वर्षों का नेशनल कैरेक्टर है सिर्फ भारत में ही नहीं समूचे विश्व में।

 पश्चिम बंगाल में रिजल्ट जो भी हो देख रहा हूं बंदर कहेंगे कि हुजूर हमने उछल कूद में कोई भी कमी नहीं रखी तमाम जंगल एक कर दिया।

 उधर एक खास वर्ग एलान किए जा रहा है कि भारत विश्व गुरु बनेगा विश्व गुरु बनेगा...!

 भारत का विश्व गुरु मनाते है बंदर पूरी उछल कूद में लगे हुए हैं। देखो कभी जंगल जाओ तो पता कर लेना पेड़ों के नीचे कितने सारे पत्ते बिना पतझड़ के गिरे हुए मिलेंगे जगाले टूटी हुई मिलेंगी भारत विश्व गुरु जरूर बनेगा।

 हमारे एक करीबी मित्र हैं मिस्टर लल्लू भाई । वह बड़े दावा करें कि वह लंगोटिया यार है लेकिन वह डेढ़ कुंटल की और हम 75 किलो के लगभग इतना ही बचपन से अंतर है। अब उनकी लंगोट हमारी लंगोट में फर्क होगा ना...? खैर उनका दावा उनकी वाणी उनकी समझ और उनकी अभिव्यक्ति हमें कोई लेना देना नहीं अगर उस दावे से उनको कोई सुख मिलता है तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। कल भोपाल से फोन आया था । उस तरफ से बोलने वाला व्यक्ति बता रहा था कि उसका दखल इन दिनों सीएम हाउस में बढ़ गया है। हम जानते हैं कि श्रीमान जी का मोहल्ले में कितना रुतबा है? सो हमने पूछ लिया -"हुजूर, ऐसा क्या कमाल हो गया हर सीएम के ऑफिस में आपका निजी संपर्क हो जाता है?

भाई बोले कि कभी मिलो तो बताएंगे कभी कोई काम वाम हो तो बताना? 

समझ में आ गया कि भाई नए मुख्यमंत्री के दफ्तर में घुसपैठ बना चुके हैं। भाई का धंधा भी जम चुका है सक्रिय हो जाएंगे। बाल बच्चे पालेंगे । चलो कोविड-19 के दौरान भाई का बहुत नुकसान हुआ होगा धंधा बहाल हो गया।

यह मैं जानता हूं कि भाई का कोई अस्तित्व नहीं है जो भी है वह आपकी आर्थिक क्षमताएं हैं। भाई पर हमें पूरा विश्वास है काम लेते हैं पूरा करते हैं। जुगाड़ के पहाड़ पर हर कोई क्लाइंबिंग नहीं कर सकता। मित्रों इन चरित्रों से से कुछ सीखिए इनके जरिए आप महान और आपका राष्ट्र विश्व गुरु बन जाएगा।


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