बाप बेटे की कॉमेडी
बाप बेटे की कॉमेडी
(चंदू जो एक चाय वाला है।वो अपनी चाय की लारी चलता है।वो बरतन धो रहा था।तभी उसका बेटा स्कूल से आता है।)
बेटा:- डैडी! डैडी....! चंदू.......।
पापा:- ये....! खजूर।
बेटा:- खबरदार! मुझे खजूर बोला तो! खजूर जैसा मुंह आप का है।स्कूल में मुझे सब आप की वजह से चिढ़ाते है।मेरा नाम मेरा सकल देख कर रखो।
पापा :- काली मिर्ची थोड़ी अच्छा लगता।
बेटा:-आप अपने बेटे के बारे में ऐसा बोलोगे।बच्चे के बारे में ऐसा बोलोगे।ये दुनिया आप को माफ नहीं करेगी।पूरे क्लास में अलग दिखता हु।
पापा:- हा बेटे, बैंच पर खड़ा बच्चा अलग ही नजर आता है।
बेटा:- ठीक है, ठीक है। एक चाय पिलाओ ओर दो पाव दे दो और पैसे में खाते में लिख लो।
पापा:- ओ....ये ! तू बाप को पैसे देगा।
बेटा;- हा..हा मुझे किसी का एहसान नहीं रखना चाहता। कल में बड़ा आदमी बन गया तो आप मेरे घर में आ जाओगे।
पापा:- ओ..ये । शर्म कर शर्म, में तेरा बाप हूं।
बेटा:- हा तो में कोन सा आपको मम्मी जी बुला रहा हूं।
पापा:- पता नहीं तेरी मम्मी ने क्या खाकर तुझे पैदा किया है।
बेटा:- बासी मखिया खिलाई होंगी आपने।अगर काजू बादाम खा कर पैदा हुआ होता तो ऐसा थोड़ी होता।
(पापा बेटे को थप्पड़ मारते है)
पापा:- बकवास नहीं करनी,बकवास नहीं करनी।पढ़ाई की। तरफ ध्यान दो।
बेटा:- हा वो तो देना पड़ेगा।आपको कुछ आता ही नहीं है। सारा होमवर्क गलत कर दिया। ताजमहल आग्रा की जगह दिल्ली में क्यों लिख दिया ?
पापा:- तुझे पता है, मेरे बाप ने मुझे मद्रास बताया था। शुक्र करोम दिल्ली तक ले आया हूं। तुम्हारा टाइम आएगा तो आग्रा तक ले जाना।