Sumit Mishra

Comedy Drama Children

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Sumit Mishra

Comedy Drama Children

बाप बेटे की कॉमेडी

बाप बेटे की कॉमेडी

2 mins
393


(चंदू जो एक चाय वाला है।वो अपनी चाय की लारी चलता है।वो बरतन धो रहा था।तभी उसका बेटा स्कूल से आता है।)

बेटा:- डैडी! डैडी....! चंदू.......।

पापा:- ये....! खजूर।

बेटा:- खबरदार! मुझे खजूर बोला तो! खजूर जैसा मुंह आप का है।स्कूल में मुझे सब आप की वजह से चिढ़ाते है।मेरा नाम मेरा सकल देख कर रखो।

पापा :- काली मिर्ची थोड़ी अच्छा लगता।

बेटा:-आप अपने बेटे के बारे में ऐसा बोलोगे।बच्चे के बारे में ऐसा बोलोगे।ये दुनिया आप को माफ नहीं करेगी।पूरे क्लास में अलग दिखता हु।

पापा:- हा बेटे, बैंच पर खड़ा बच्चा अलग ही नजर आता है।

बेटा:- ठीक है, ठीक है। एक चाय पिलाओ ओर दो पाव दे दो और पैसे में खाते में लिख लो।

पापा:- ओ....ये ! तू बाप को पैसे देगा।

बेटा;- हा..हा मुझे किसी का एहसान नहीं रखना चाहता। कल में बड़ा आदमी बन गया तो आप मेरे घर में आ जाओगे।

पापा:- ओ..ये । शर्म कर शर्म, में तेरा बाप हूं।

बेटा:- हा तो में कोन सा आपको मम्मी जी बुला रहा हूं।

पापा:- पता नहीं तेरी मम्मी ने क्या खाकर तुझे पैदा किया है।

बेटा:- बासी मखिया खिलाई होंगी आपने।अगर काजू बादाम खा कर पैदा हुआ होता तो ऐसा थोड़ी होता।

(पापा बेटे को थप्पड़ मारते है)

पापा:- बकवास नहीं करनी,बकवास नहीं करनी।पढ़ाई की। तरफ ध्यान दो।

बेटा:- हा वो तो देना पड़ेगा।आपको कुछ आता ही नहीं है। सारा होमवर्क गलत कर दिया। ताजमहल आग्रा की जगह दिल्ली में क्यों लिख दिया ?

पापा:- तुझे पता है, मेरे बाप ने मुझे मद्रास बताया था। शुक्र करोम दिल्ली तक ले आया हूं। तुम्हारा टाइम आएगा तो आग्रा तक ले जाना।


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