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Anju Gupta

Drama Inspirational

4.0  

Anju Gupta

Drama Inspirational

अविश्वास के बादल

अविश्वास के बादल

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“अरे रीमा, जरा चेक साइन कर देना। अमाउंट मैं भर लूंगा । दो-तीन लाख तो होगा ना तुम्हारे एकाउंट में ?” आफिस जाती हुई रीमा से रमेश बोला ।

रमेश-रीमा की शादी हुए अभी एक माह ही गुजरा था। बिन दहेज की इस शादी के अखबारों और स्थानीय न्यूज़ चैनल में खूब चर्चे हुए थे ।

यकायक इतनी बड़ी रकम सुन कर रीमा थोड़ा चकरा सी गई । इससे पहले कुछ समझती, बड़े प्यार से रमेश बोला – “खुश हो जाओ जान…. फ्लैट खरीद रहा हूँ और जल्द ही तुम्हें, तुम्हारे अपने खुद के घर ले जाऊँगा और हाँ, जॉइंट बैंक अकाउंट के लिए पेपर साइन कर दिए हैं, जमा करवा देना।”

“ओह! तो यह था इन लोगों के दहेज न लेने का नाटक …. इन्हें तो दुधारू गाय चाहिए थी” इससे पहले रीमा गुस्से से कोई जवाब देती, उसे सासु माँ की आवाज़ सुनाई दी, “रमेश, जैसे ही तुम्हारी एफ डी मैच्योर हो, तुम यह पैसे रीमा को वापिस कर देना। यह उसके शादी से पहले की कमाई है और याद से… रजिस्ट्री रीमा के नाम से ही करवाना।”

अविश्वास के बादल छट चुके थे ।



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