अनलॉक
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अनलॉक 1आज कई दिनों बाद बैंक के कुछ आवश्यक काम से घर से बाहर निकलना पड़ा।लगा जिंदगी पहले जैसी अब ना रही।सबसे पहले ऐसे कपड़े खोजे गए जो आकर धो पाए। ड्राइक्लीनिंग कपड़े अब नहीं चल पाएगा वायरस का डर तो देखो।पतिदेव बोले मैडम ये मैचिंग हैंडबैग वगैरह अब भूल जाओ। खाली हाथ चलो, पैन जरूर ले लो।बैग का सारा सामान बैग सहित सेनिटाइज करना होगा घर आकर
और तुम्हारा बैग तो भानुमती का पिटारा, अक्षयपात्र है। उन अनंत वस्तुओं को सनिटाइज करना आसान नहीं होगा। फिर washable धोए जा सके ऐसे चप्पल निकाले गए। पर हमने भी चुपके से मैचिंग मास्क निकाल ही लिया। साथ में पानी की बॉटल तो हम हमेशा लेकर ही चलते है चाहे 5 मिनट के रास्ते पर जाना ही पर आज एक्स्ट्रा बॉटल्स ली गई।सैनिटाइजर की बड़ी बॉटल तो गाड़ी में है ही। स्प्रे वाला पें सैनिटाइजर भी लिया गया वाइप्स, टिश्यू पेपर हमने तो डेटॉल साबुन और एक टॉवेल भी रख दिया है गाड़ी में कुछ बिस्किट और चिप्स के पैकेट भी रख लिए। मत पूछो कितनी ललचाई नजरो से मनमसोस कर हम सुने छप्पन दुकान के सामने से गुजरे। हमारा दुख मेरी बेहने ही समझ सकती है।दुनिया ही बदल कर रख दी है इस मुए कोरोना ने।
बैंक जा कर देखा कुर्सियां ही नदारद है। टेबल को छूने में भी डर लग रहा था।हमेशा बड़े प्यार और सम्मान से अटेंड करने वाले स्टाफ ने भी अछूतो जैसा व्यव्हार किया उस कॉफी को भी हमने डर के मारे प्रस्ताव ही ठुकरा दिया। उफ्फकई काम जो एक बार बाहर आने पर निपटाए जाते थे सोच कर मन ही डर गया दुकान पर जाने में।इन सब से ऊपर।
धन्य है हमारे मेडिकल, पैरामेडिकल, कर्मचारी, बैंक कर्मचारी पुलिस, सफाई कर्मचारी जो आज तक पूरे कोरॉना काल में भी अपनी जान की परवाह किए बिना फ्रंट लाइन वॉरियर बन अपनी ड्यूटी पूरे जी जान लगा निभाते रहे और आज भी निभा रहे। उनका यह अहसान हम ताउम्र नहीं भूल पाएंगे।जीना सीखना होगा कोरोना के साथ।
जब तक घर बैठ पाएगा आम आदमी भी जीना है तो जोखिम उठा बाहर निकलना ही पड़ रहा है। पापी पेट का सवाल जो ठहराकरोड़ लोगो के रोजगार चले गए, कई लोगों का जीवन यापन दूभर हो गया, पिछले तीन महीने इतने आसान नहीं रहे सबके लिए। परमपिता परमात्मा इस आपदा से जल्द उबरो,सब का जीवन पहले कि तरह सुखी हो, सारा विश्व पहले कि तरह स्वस्थ हो। सर्वे भवन्तु सुखिनसर्वे संतु निरामयासर्वे भद्राणि पश्यंतू मा कश्चित दुख मापनात।