अजिंक्य
अजिंक्य
Chapter - 1. प्रेम का अंत
ये बात आज से तकरीबन हज़ार साल पुरानी है... शहर से दूर एक टीले पर दो प्रेमी बैठे हुए थे। लड़के का नाम था होजाई और लड़की का एमा। होजाई के चेहरे पर घबराहट के साथ एक उदासी थी, एमा समझ गयी थी कि ज़रूर कोई बात है इसलिए वह उसकी ओर कब से ख़ामोश नज़रों से देख रही थी, एमा की आँखों में कई सवाल थे। आख़िरकार होजाई ने अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा “एमा, आज मैं जो तुम्हें बताने जा रहा हूँ उस पर शायद तुम यकीन ना करो, मुझसे नफ़रत करो पर तुम्हारा इस बात को जानना ज़रूरी है।” एमा ने होजाई का हाथ पकड़ा और पूछा “ऐसा क्यों कह रहे हो होजाई?” परन्तु होजाई ने अपना हाथ तुरंत छुड़ा कर थोड़े उग्र स्वर में एमा से कहा “मेरा नाम होजाई नहीं है और ना ही मैं तुम्हारी दुनिया से हूँ। एमा तुम एक इंसान हो, भगवान की पूजा करती हो और मैं शैतान का गुलाम हूँ, मेरा असली नाम होजाई नहीं बल्कि एजेक्स है।” एमा उसकी बातों को सुनकर हैरान थी। अपनी बात आगे बढ़ाते हुए उसने कहा “मैं शैतान का एक शक्तिशाली गुलाम हूँ जो यहाँ एक ख़ास मकसद से आया था। अब मेरे पास ज्यादा समय नहीं है। हमारे राजा को इस दुनिया पर ईश्वर की जगह लेने के लिए एक मणि की जरूरत थी जो मेरे हाथ कल शाम लग गई थी, लेकिन उसके लिए तुम्हारी जान चली जाती...। मैंने तुम्हारी जिंदगी को चुना पर मालिक हमें नहीं छोड़ेंगे। यह हमारी आख़री मुलाकात होगी,
उनकी फौज कभी भी यहाँ आ जाएगी इसलिए तुम मुझसे दूर चली जाओ।” एजेक्स जाने को आगे बढ़ा तभी उसने देखा के आसमान का रंग गहरा काला होने लगा था और उसे कई सारे घोड़ों के आने की आवाज़ सुनाई दी जिन पर नकाबपोश सवार थे। एजेक्स ने घबरा कर एमा को धक्का दिया और कहा “तुम कहीं छुप जाओ या चली जाओ, वो लोग मुझसे पहले तुम्हें मार देंगे... देखो वो आ चुके हैं।” एमा की आँखों में मगर डर नहीं था उसने एजेक्स का हाथ थाम कर कहा “मैंने तुमसे प्यार कि या है। तुमसे प्यार करने से पहले नहीं जानती थी कि हमारा साथ कब तक होगा तुम्हारी असलियत क्या है? तुम एक शैतान के गुलाम ज़रूर हो पर मैंने जिसे जाना है वो कर्म से एक बेहतर इंसान है। मैं अपनी आख़री सांस तक तुम्हारे साथ हूँ।” यह सुनकर एजेक्स की आँखें नम हो गयी, साथ ही उसे फ़ौज के नज़दीक आने का अंदेशा भी था। अब उसे ज्ञात हो चुका था कि अब उसके दूसरे रूप की ज़रूरत होगी, उसने अपना दूसरा रूप धारण कि या पल भर में देखते ही उसकी आँखें बड़ी और हरे रंग की हो गयी, चेहरे पर चमक, पीठ पर गरुड़ की तरह पंख आ गए और शरीर पर काले रंग के कपड़े जिसके कंधे पर नीले रंग की धारियाँ थी, उसके कपड़ों की बनावट ऐसी थी कि जिससे एजेक्स का शक् तिशाली शरीर, उसकी भुजाएं स्पष्ट आकार ले सकती थी वह एक योद्धा के वस्त्र थे। एजेक्स ने अपना संपूर्ण योद्धा स्वरुप ले लिया। नकाबपोश हमलावर में से एक ने एजेक्स की ओर अपनी तलवार फेंकी जिसने उसके एक पंख को घायल कर दिया। इस नकाबपोश को एजेक्स जान चुका था वो लुम्बा का वार था। एजेक्स ने खुद को संभाला और उसने एक हाथ से एमा को अपनी ओर ले बाहों में लिया और दूर उड़ने लगा कुछ ही दूर गया होगा कि लुम्बा ने एक गर्जना करते हुए कहा “हमला...कारोशी।” फिर क्या था…देखते ही देखते कारोशी यानि एक खतरनाक शैतानी फौज – जिनका शरीर लगभग 8 फुट ऊँचा और काला था, उनके चेहरे को ढकता हुआ स्टील जैसा नकाब, नीले रंग के वस्त्र जिस पर एक दैत्य के चेहरे का नि शान चांदी से बना हुआ था। उनके बड़े-बड़े पंख और हाथों के पंजे कि सी को भी दबोचने के लिये काफी थे। लुम्बा की एक आवाज़ पर कारोशि यों ने एजेक्स पर हमला कर एमा को कब्ज़े में ले लिया। एमा कारोशियों के गिरफ़्त में थी और एजेक्स चारों तरफ से घेर लिया गया था, अब एजेक्स का बच पाना नामुनकि न था। वह दैत्य राज का एक काबि ल और कुशल योद्धा था इसलिए उसने जल्दी हार न मानी। एजेक्स का एक एक वार शैतानी फ़ौज के ग़ुलामों और कारोशि यों पर भारी था परन्तु वह उनके सामने ज़्यादा देर तक संघर्ष नहीं कर पाया... और हार गया। बुरी तरह घायल हो चुके एजेक्स और एमा को राजा के पास ले जाया गया।
दैत्य-राज का महल
राजा का महल बर्फ की वादियों के बीच था, चारों ओर बर्फ के बड़े पहाड़, पेड़ पौधे, सब बर्फ से ढके हुए थे जिसके आस-पास बस सन्नाटा था… ज़िन्दगी जैसे यहाँ रुकी हुई थी। इस वक़्त एजेक्स को राजा के गुलामों ने बंदी बना लिया था। उसके दोनों हाथ हथकड़ियों से बंधे हुए थे और वो लहू लुहान खड़ा था। एजेक्स ने जब अपनी नज़र उठायी तो खुद को राजा के सामने पाया, उसे अंदाज़ा हो गया था आनेवाली मनहूसियत का…पर राजा की शक्ति के आगे एजेक्स कुछ भी नहीं था। राजा अपने सिंहासन में बैठे हुए थे जैसे ही उन्होंने इशारा कि या उनके सामने कुछ लोगो ने एमा को लाकर ज़मीन पे फेंक दिया... जिसे देख एजेक्स की जान सी चली गई वह गिड़गिड़ाया “मेहरबानी करके इसे जाने दो हमारे मकसद में इसकी क्या गलती है! इसकी जिंदगी बख्श दो... मैं हमेशा आपका गुलाम रहूँगा और इसे दोबारा मुड़ कर भी कभी नहीं देखूँगा” पर राजा कभी कि सी को नहीं छोड़ते राजा की बेदर्द हँसी चारों तरफ महल में गूंज उठी। शैतानी राजा ने गहरे काले रंग का एक चोगा पहन रखा था। जिसमें से उनका कोई चेहरा नज़र नहीं आता था मानो एक अँधेरा सब के सामने हो। राजा ने एजेक्स को जवाब दिया “इसे बख्श ने का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता सिर्फ तुम्हारी बेवकूफी की वजह से ना जाने और कितने साल इंतजार करना होगा… भूल गए तुम कि हमारी कोई कमज़ोरी नहीं होती...” वह गुस्से में चलते हुए एमा के पास पहुँचे, राजा का अब ऐसा रौद्र रूप सामने आ गया था जो कभी-कभी ही दिखता था। सिर पर दो सींग, नुकीले दाँत और भयानक चेहरा। एमा डरी हुयी उनके बलशाली स्वरुप को देख रही थी और उसी क्षण पल भर में उसने एमा के शरीर के दो टुकड़े करके फेंक दिए। एजेक्स सुन्न होकर देखता ही रह गया और उसका प्यार उसकी आँखों के सामने छिन गया... आँसू बहते रहे… ज़बान ख़ामोश और शरीर बेजान सा हो गया कोई सुध ही नहीं थी उसे।
राजा के मामूली गुलाम जो सबसे नीचे दर्जे के थे कद में छोटे, पिली आँखों वाले बड़े-बड़े दाँत और घुटने झुके हुए, और बड़े कान! जासूसी करने में सक्षम पर इनका अपना कोई दिमाग नहीं था। पतले-दुबले हड्डियों से इनकी चमड़ी चिपकी हुयी थी। हमेशा भूखे तो वह लगते थे लेकि न आज तो उनकी दावत हो गई... वह एमा के टुकड़ों को ले गये।
एमा को खत्म करके राजा का गुस्सा शांत हुआ वह अपने दूसरे रूप में आ गए, वही काला चोगा जिसके अंदर सिर्फ घूमता हुआ एक अंधेरा नजर आता है जब राजा को गुस्सा आता या वह कि सी को घूरते तो सिर्फ उनकी चमकती आँखें दिखाई देती। राजा अपने सिंहासन की ओर फिर से आगे बढ़े और एक गहरी सांस लेकर विराजमान हुए, सैनिक एजेक्स को कैद में ले जाने लगे तभी वह रुक कर बोला “वक़्त से बलवान कोई नहीं होता है दैत्य राज यह तुम्हारी ताकत ही तुम्हारी दुश्मन बन जाएगी देखना तुम, एक ऐसा वक्त आएगा जब तुम भी मेरी तरह बेबस हो जाओगे” एजेक्स की बातें सुन वो ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे।
(आगे पढ़ियेगा मणि का रहस्य और एक अनसुनी कहानी)