अधूरी शादी.....भाग:-1
अधूरी शादी.....भाग:-1
2020 के शुरुआत में अचानक से मनीष की तकरार अर्पित गुप्ता से हुई। मनीष ने उसको देखकर कहा आप अर्पित है ?अर्पित अचम्भे में था। की वो उसे कैसे जनता है। अर्पित पेशे से एक डॉक्टर है। अर्पित ने कहा हाँ मैं अर्पित ही और आप मुझे कैसे जानते है? मनीष ने कहा हम सोशल मीडिया पर दोस्त है लेकिन कभी बात नहीं हुई। मनीष ने अर्पित को गले लगाकर कहा की अच्छा लगा आपसे मिलकर। और वहाँ से चला गए। अगले दिन शाम को फिर से वही पर वो दोनों एक दूसरे से मिले। उसके बाद सोशल मीडिया पर बात शुरू की और अच्छे दोस्त बन गए।
अर्पित मनीष का सोशल मीडीया अकाउंट चेक कर रहा था। उसमें उसने उसकी बहन काजल का अकाउंट दिखा। जिसे देखकर अर्पित खो सा गया।काजल बहुत सुंदर और संस्कारी लड़की है। काजल अपनी एम॰ए॰ एकनॉमिक से पड़ाई करके अपने कॉलेज में जॉब कर रही थी। अर्पित ने उसको फ़्रेंड रिक्वेस्ट भेज। काजल ने मनीष का कॉमन फ़्रेंड देखकर रिक्वेस्ट ऐक्सेप्ट कर ली। अर्पित काजल से बातें करने लगा।
काजल भी अर्पित से बातें करने लगी। उसकी पसंद और नापसंद का ध्यान रखने लगने और अर्पित को आगे की लाइफ़ के बारे में समझाती। क्या उसके लिए अच्छा है क्या ग़लत है। अर्पित को अच्छा लगता था जब वो उसका ध्यान रखती थी लेकिन कभी कभी अर्पित से बात नहीं कर पाती थी क्योंकि काजल अपनी चाची और उनकी बेटी के साथ रहती थी मनीष काजल के चाचा का बेटा था। मनीष काजल से बहुत लगाव करता था और काजल भी बहुत ज़्यादा। अर्पित भी मनीष को बहुत पसंद करता था वो रोज़ उससे मिलने लगा। फिर एक दिन मनीष को मुंबई जाना पड़ा। मनीष भी अर्पित की बारे में सोचने लगा। उस दौरान अर्पित की काजल से बात नहीं हुई। तो अर्पित ने मनीष को कॉल करके बोला की मैं वापिस बैंगलोर जा रहा हूँ। मनीष ने उसे समझाया की वो काजल से बात करेगा अर्पित ने मनीष को कहा की आज तक मुझे किसी से प्यार नहीं हुआ। ना उसे कोई लड़की पसंद आयी लेकिन काजल को देखकर लगा की वो मेरे लिए सही है। लेकिन काजल को पता नहीं क्या हुआ है। मनीष ने कहा कि अगर वो तुमसे प्यार करती है और तुम उससे तो फिर मैं तुम दोनों को एक करूँगा। मुझे आने दो मुंबई से अर्पित ने कहा ठीक है।
मनीष ने घर आकर काजल से पूछा और उसे बताया काजल ने कहा की भाई मैं भी उसे पसंद करती हूँ। लेकिन अपनी क़िस्मत से डरती हूँ। कहीं फिर से मैं टूट ना जाऊँ। तो मनीष में काजल को बोला की अपनी नहीं ज़िंदगी की शुरुआत अर्पित को सब बताकर कर ताकि तुम दोनों का रिश्ता अच्छा रहे। काजल ने अर्पित को 8 मार्च 2020 को पहली बार कॉल किया। वरना हमेशा सोशल मीडिया पर बात करते थे। उन्हें बात करते करते क़रीबन डेढ़ महीना हो गया था। अर्पित उस दिन भगवान से माँगने जा रहा था की काजल आज बात कर ले। अर्पित ने जैसे ही मंदिर में अपना पैर रखा। काजल का फ़ोन आ गया था। काजल ने जैसे हेलो कहा अर्पित ने बड़ी मासूमियत भरी आवाज़ में कहा की काजल मैं आपसे घर जाकर बात करता हूँ मैं ममी के साथ गुरुद्वारा आया था। काजल ने भी प्यारी सी आवाज़ में कहा “जी ठीक है मैं आपके कॉल का इंतज़ार करूँगी। “
आधे घंटे बाद अर्पित ने घर जाकर काजल को कॉल किया। और बात की और बताया की मैं आज भगवान से यही माँगने गया था की तुम्हारा कॉल आ जाए और देखो आ गया। काजल ने कहा कि देखो अर्पित मैं आजकल की लड़कियों से बहुत अलग हूँ। एक दम अलग और तुम्हारे साथ मुझे लगाव हो गया है इसलिए मैं तुम्हें अपने बारे में सब सच बता देना चाहती ही। अर्पित ने कहा मैं भी तुम्हें सब सच बताऊँगा। पहले तुम बताओ “अर्पित जब मैं १२ साल की थी तब मेरी माँ मुझे छोड़कर इस दुनिया से चली गयी पापा ने दूसरी शादी कर ली और जो दूसरी ममी है वो मुझे पसंद नहीं करती थी मैं घर का सारा काम करती थी और फिर भी खाना नहीं मिलता था और रोज़ रात को सोते वक़्त ममी की याद आती थी पापा को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता था वो अपने लाइफ़ में ख़ुश थे लेकिन मैं हर रोज़ एक ना एक ज़िंदगी से जूझ रही थी, जब मैं अपनी सहेलियों को देखती थी की वो अपनी माँ से अपने मन की सारी बात बताती तो मुझे भी लगता था की काश मेरी भी माँ होती तो मैं सब उनसे बताया करती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। एक दिन मुझसे घर का काम करते करते दूध का भगोना गिर गया तो दूसरी माँ ने बहुत मारा और घर से निकाल कर खड़ा कर दिया। सर्दी का समय था रात के ९ बज रहे थे। और दरवाज़ा नहीं खोला ना मेरे पास फ़ोन था और ना पैसे तभी बराबर वाले पड़ोसी अंकल की बीवी बाहर निकली और उन्होंने मुझसे कहा बेटा फिर से लड़ाई हुई है। मैं रो रही थी उन्होंने कहा बेटा चुप हो जा तेरी क़िस्मत ही ऐसी है। एक काम कर तू अभी हमारे घर चल सुबह सब ठीक हो जाएगा तो चली जाना। मैं आंटी के साथ उस रात उनके घर चली गयी। सुबह जैसे हुई मैं वापिस अपने घर गयी तो मुझे बोला की जहां जाना है। जा लेकिन यहाँ नहीं रहने दूँगी। मैं वहाँ से बस स्टेशन की तरफ़ चली गयी ना मेरे पास पैसे थे और ना खाने के लिए खाना फिर मैं कुछ रास्ते पैदल चली फिर एक बस में बैठकर अपनी नानी के घर चली गयी। नानी देखकर रोने लगी और कहा की अब मैं तुझे नहीं जाने दूँगी। और तू यही मेरे पास रहेगी। और मैं नानी के पास रहकर पढ़ने लगी।
क्रमश ...