अब पछताए होत क्या
अब पछताए होत क्या
एक खूबसूरत लड़की थी नाम था रीमा। रीमा पढ़ाई में भी बहुत होशियार थी। कॉलेज में महेश नाम का लड़का भी पढ़ता था। दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत पसंद था। समय के साथ दोनों में प्यार हो गया। दोनों परिवारों की सहमति से विवाह हो गया। दोनों सुखपूर्वक रहने लगे।महेश की अच्छी नौकरी लग गई। एक बेटा और एक बेटी हो गये। वे दोनों अपने दम्पति बहुत खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे थे। पता नहीं किसी अन्य व्यक्ति के बहकावे में आकर महेश, रीमा के चरित्र पर शक करने लगा। दिन बीतते गए और शक का कीड़ा उनके परिवार को दीमक की तरह खाने लगा। पति पत्नी में आये दिन झगड़े होने लगे। महेश के शक ने दोनों के दिल में नफरत भर दी। एक रात को जब सो गए तो महेश ने शक और नफरत इतना अन्धा कर दिया की उसने अपने दोनों बच्चों और पत्नी को तेज हथियार से मौत के घाट उतार दिया। सुबह पुलिस आई तो उसने गुनाह कबूल कर लिया। बाद में उसको अपनी गलती का एहसास हुआ तो पश्चाताप की आग में जलने लगा और कुछ समय के बाद पागल हो गया।।
