Bharti Yadav

Inspirational

3  

Bharti Yadav

Inspirational

आत्मविश्वास

आत्मविश्वास

3 mins
228



     आत्मविश्वास से बढ़कर कोई मित्र नहीं होता यदि खुद पर विश्वास हो तो पर्वत की दुर्गम चोटी तक का सफर भी बहुत आसान लगता है और यदि खुद पर ही भरोसा ना हो तो दो कदम चलना भी दूभर हो जाता है आज यह बात रजनी को भली भांति समझ आ गई थी।आज निकला आईएएस का रिजल्ट रजनी के परिश्रम और आत्मविश्वास की कहानी कह रहा था।

         देश की इस प्रतिष्ठित परीक्षा में रजनी का छठां स्थान आया था और रजनी के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ था आज वो लोग भी उसके साथ फोटो खिंचाने में गर्व महसूस कर रहे थे जो कल तक उससे बात करना अपनी तौहीन समझते थे।सच.. समय का पहिया और लोगों का दिल परिवर्तन शील होता है।

        गरीब बस्ती के रहने वाले एक ट्रक ड्राइवर की बेटी  रजनी। मां सिलाई का काम करके रजनी को पढ़ाने और अच्छा भविष्य बनाने के लिए पति का सहयोग कर रही थी।बचपन से ही पढ़ाई में तेज रजनी के सपने बहुत बड़े थे । उस समय उसे आईएएस का मतलब तो नहीं पता था पर बड़ा अफसर होने के मायने उसने हाई स्कूल में देख लिए थे जब जिला कलेक्टर उसके स्कूल में मुआयना करने आए थे ।उनका रुतबा देखकर रजनी की आंखो में भी बड़ा अफसर बनने का सपना तैरने लगा था।उसके सपने को मूर्तरूप देने में मां बाबा ने भी कोई कसर बाकी ना रखी थी जबकि उसके अन्य परिवार वाले और आस पड़ोस के लोग उनकी खिल्ली उड़ाते थे और रजनी को भी पढ़ाई छोड़ कर मां बाबा के काम में मदद को कहते रहते थे।

          हाई स्कूल के बाद आगे की पढ़ाई के लिए रजनी ने बस्ती के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी ।विपरीत परिस्थितियों में भी मां बाबा का साथ और उसका आत्मविश्वास उसे लगातार आगे बढ़ने प्रेरित करता रहा। ग्रेजुएशन के बाद उसके ताऊ और दादी शादी का दबाव बनाने लगे । इसी बीच एक प्रतियोगी परीक्षा में सफलता ने उसके कुछ कर गुजरने के आत्मविश्वास को डगमगा दिया ।घर की माली हालत भी बहुत अच्छी नहीं थी रजनी को अपने अफसर बनने का सपना खतम होते दिखने लगा लेकिन बाबा ने समझाया ..बेटा जब तक हम साथ हैं तुझे चिंता करने की जरूरत नहीं है तेरे सपने को हम खतम ना होने देंगे क्योंकि हमने भी तुम्हारे बेहतर भविष्य का सपना ही देखा है ।खुद पर विश्वास रखो और परिश्रम करते रहो।बाबा के इन शब्दों ने रजनी में एक नए जोश का संचार किया और बिना कोचिंग के ही उसने स्वाध्याय से ही  आईएएस परीक्षा की अपनी तैयारी शुरू की। उसके घर की स्थिति देखते हुए और ट्रक ड्राइवर की बेटी का आईएएस बनने के कोशिश का लोगों ने मजाक बनाया।लेकिन धुन की पक्की रजनी बिना किसी की परवाह किए अपने आत्मविश्वास के बल पर अपनी राह पर बढ़ती रही और आज आईएएस बनकर अपनी मंजिल पर खड़ी अश्रु भरे नैनों से मुस्कुरा रही थी।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational