आत्म हत्या (प्यार में)
आत्म हत्या (प्यार में)


पहले जहाँ एक ही विद्लयाय में कई महीने एक साथ पढाई करने के बावजूद एक – दुसरे से दोस्ती नही हो पाती थी और वही आजकल के युवा मात्र एक मिनट के facebook जैसे social site पर चैट कर लेने से ही सात जन्मो की दोस्ती कर बैठते हैं।
यह कहानी दो बहने सलोनी एवं साक्षी की है।सलोनी और साक्षी ने अपनी १०वी तक की पढाई अपने शहर से की थे।
दोनों बहने पढाई में काफी अच्छी थीयही कारण था की दोनों ने बोर्ड की परीक्षा में
काफी अच्छे नंबर प्राप्त किये थे। दोनों की पढाई के प्रति कड़ी लगन देखकर
उसके परिवार वालों ने उन्हें शहर भेजने का फैसला किया ताकि वह शहर में बेहत्तर से बेहत्तर शिक्षा प्राप्त कर सके
दोनों बहने अपने कस्वे से निकल कर अब शहर में आ चुकी थी यहाँ उन्हैं नई – नई चीजें देखने को मिल रही थी।
शहर के फैशन, खान-पान, जीवन शैली उन्हें पूरी तरह से प्रभावित कर रहें थे।
दोनों बहने जल्द ही शहर के जीवन – शैली में ढलने की कोशिश कर रहे थे। यंहा आकर उन्हें अपनी कस्वे को काफी छोटे महसूस कर रहे थे
सलोनी और साक्षी एक गर्ल्स हॉस्टल में रहते थे। यहाँ कई तरह के पावंदी थी फिर भी अपने फैमली जैसे देखभाल नही मिल पाती थीदोनों बहने शहर आने के बाद सबसे पहले उन्होंने ने एक – एक स्मार्ट फ़ोन खरीदा
स्मार्ट फ़ोन खरीदने के बाद उन्हें जिंदगी जीने के लिए उनकी दो दुनियां हो गयी थी,
एक वास्तविक जो प्रत्येक दिन जिया करते थे और दूसरी काल्पनिक जो स्मार्ट फ़ोन के जरिये social site से जिया करते थे
घर से बाहर होने पर विधार्थी जीवन में एक बहुत बडा फायदा यह हो जाता है की आप बाहर रह कर कुछ भी करों आपको रोक –टोक करने वाला कोई नहीं होता है ईसी बात का फायदा शायद इन ये बहने उठा रही थी यहाँ आने केबाददोनोंपढाई पर ध्यान कम और दूसरी चीजो पर अधिक हो गयी थी। इसके कई कारण हो सकते हैं।
शायद ! वह यहाँ आकर अपनी जीवन को खुल कर जीना चाह रही हो या फिर उसे शहर आकर आजादी महसूस हो रही हो थी।
एक दिन facebook इस्तेमाल करते समय साक्षी के प्रोफाइल में एक नई फ्रेंड रिक्वेस्ट Notification आई उसने तुरंत उसकी प्रोफाइल को चेक किया और उसकी फोटो देख कर उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया
यह प्रोफाइल किसी सुदीप पाण्डेय नाम के लड़के की थी। जिसका उम्र 23 वर्ष और वह मुंबई से था फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने के कुछ मिनट बाद साक्षी के इनबॉक्स में “ hello” लिखा एक सन्देश आ टपका यह मैसेज सुदीप पाण्डेय का था
साक्षी ने hello के बदले hiii लिख कर रिप्लाई कर दिया इसके बाद दोनों तरफ से मैसेज की बाढ़ आ गई।
साक्षी एक छोटे से कस्वे से निकल कर इसे बड़े शहर मे आई थी उसे शहर के माहौल के बारे में कुछ ज्यादा जानकरी नही थी और साथ ही उसे अपनी काल्पनिक दुनियां social site ( facebook, Twitter, Instgram,। .. ) के बुरे पह्लूं से बेखबर थी।
एक सप्ताह तक लगातार चैट के बाद साक्षी ने सुदीप को अपना निजी मोबाइल नंबर भी दे दिया और अब facebook चैट के अलावा मोबाइल फ़ोन से घंटो बात होने लगी।
सलोनी और साक्षी दोनों एक ही कमरा में रहते थे जिसके कारण साक्षी –सुदीप की बात-चीत की जानकारी सलोनी को थी इस तरह एक काल्पनिक दुनिया से इन दोनों बहनों के लिए कोई अपना बनकर कर आ पड़ा था।
कई दिनों की बात-चीत के बाद एक दिन सुदीप ने साक्षी को प्रपोज किया। साक्षी उसे पसंद करने लगी थी जिसकी वजह से सुदीप का प्रपोजल कबूल कर लिया साक्षी अभी तक शहर को पूरी तरह समझ नही पाई थी उसे यह मालूम नहीथीकी यहाँ सब अपने लिए जीते हैं, यहाँ कोई किसी का अपना नही होता हैं, यहाँ हजारो लोग प्रत्येक दिन आते हैं और हजारों नये रिश्ते बनते हैं परन्तु यह सभी रिश्ते तिनके जैसे बिखर कर रह जाते हैं
एक दिन सुदीप ने साक्षी को मिलने के लिए बोला, “ क्या हम मिल सकते हैं ? ”
साक्षी को अभी तक उससे बात शुरू हुआ लगभग 40 दिन हो रहे थे। इतने ही दिनों में दोनों को एक – दुसरे से प्यार हो गया थी साक्षी ने चैट के दौरान मोबाइल नम्बर के अलावा कई सारे फोटोग्राफ भी दिए थे
आज जब सुदीप उसे मिलने के लिए बोला तो वह उसे मना नही कर पायी और दोनों ने मिलने के लिए जगह और एक निश्चित तारीख तय की।
सुदीप मुंबई से था और साक्षी हैदरावाद में रहती थी इस लिए दोनों के बीच काफी दूरियां थी मगर साक्षी फिर भी मुम्बई जाने के लिए तैयार हो गयी।
वैसे कहते हैं ना, “ प्यार में लोग क्या नही करते ? ”कुछ दिन बाद सलोनी और साक्षी हैदराबाद के रेलवे स्टेशन पर खड़े थे, साक्षी मुंबई जाने के लिए रेलवे स्टेशन आई हुई थी जबकि उसे छोड़ने उसकी बहन सलोनी भी रेलवे स्टेशन आई हुई थी.
“ मैं भी तुम्हारे साथ चलूँ ? ” सलोनी बोली। “ अगली बार हम –दोनों साथ चलेंगे ”“ ठीक हैं। .”बात –चीत के दौरान मुंबई के लिए गाडी आ चुकी थीसाक्षी ने अपनी बहन से विदा लेकर रेलगाड़ी के अंदर चली गयी
इस वक्त साक्षी के मन में सुदीप के लिए कई विचार थे उसकी फोटो को zoom कर निहारती जा रही थी। बीच –बीच में वह सुदीप से बात भी करती रहती थी।
अगले दिन वह मुंबई
रेलवे स्टेशन पहुच चुकी थी और उसे लेने के लिए रेलवे स्टेशन सुदीप आया हुआ था। पहले तो साक्षी उसे देख कर चौक गयी क्योकि facebook प्रोफाइल के अनुसार सुदीप को 24 वर्ष का होने चाहिए था परन्तु वह लगभग30-32 वर्ष का आदमी था परन्तु उसकी Personality देख कर वह खुश थी।
वह देखने में काफी अच्छा और किसी बड़े घराने का लग रहा थादोनों ने सबसे पहले एक रेस्टुरेंट गये और वहां से खाने पिने के बाद वह मुंबई घुमने निकल गये।
लगभग शाम के 4 बजे तक दोनों होटल पहुँच चुके थे जहाँ सुदीप ने पहले से ही एक कमरा बुक कर रखा था उस कमरे में और पहले से दो लड़के थे जिसे देख कर साक्षी को अच्छा ना लगा परन्तु वह कुछ नही बोली। “ यह सब क्या हैं ?”
कमरे में रखी कोल्ड्रिंक एवं खाने के समान देख कर साक्षी बोली“ यह एक छोटी – सी पार्टी हैं, जो मैंने तुमसे मिलने की ख़ुशी में रखी है सुदीप बोला
यह सुनकर साक्षी खुश हो गयी पार्टी शुरू की सभी ने कोल्ड्रिंक पी परन्तु साक्षी ने मना किया लेकिन सुदीप ने उसे पार्टी का वास्ता देकर पिला दीऔर वह बिस्तर पर जाकर सो गयी
जब सुबह नींद खुली तो वह हैरान थी उसके पुरे शारीर में दर्द और एंठन थी उसके कपडे जहाँ तहां से फटी हुए थेवह यह सब देख कर समझ चुकी थी उसके साथ कुछ गलत हुआ हैं
उसके बगल में ही सुदीप सो रहा था। कुछ मिनट बाद सुदीप का भी नींद खुली“सुदीप ! रात में तुमने मेरे साथ क्या कियागुस्से से साक्षी बोली। वो वो हिचकते हुए बोलना चाहा मगर बीच में ही साक्षी ने रोक दिया
“मुझे तुमसे से एसी उम्मीद नही थी ”सुदीप शहरी लड़का था उसे अच्छी तरह से मालूम थी की लड़कियों को कैसे सम्भालना हैं। उसने शादी का झांसा दिया और प्यार की कसमे खाकर उसे मना लिया और साक्षी ने भी उसे माफ़ कर दी।
मेरी समझ से साक्षी से सुदीप को माफ़ करने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन जो पहला कारण थावो प्यार और विश्वाश था। शायद ! साक्षी उससे सच में प्यार कर बैठी थी। और उसे विश्वास थी की सुदीप उससे अपनाएगा
लेकिन माफ़ करने का एक पहलु ये भी हो सकता हैशायद ! सुदीप की personality और पैसे को देख कर माफ़ कर दिया हो।
क्योकि लड़कियां पैसे और प्यार में ज्यादा फर्क नहीसमझती हैं लड़कियों का मानना हैं जिसके पास पैसे होते हैं उससे प्यार भी काफी मिलती हैं।
अगले दिन वह वापस हैदराबाद आ चुकी थी और लगातार सुदीप से बात-चीत जारी थी तभी एक सप्ताह बाद सुदीप उसे फिर से मिलने के लिएजिद्द करने लगा परन्तु साक्षी इतनी जल्दी फिर से मुंबई जाने के बारे में नही सोच रही थी
सुदीप को लगने लगा अब साक्षी फिर से नही आएगीतब उसने अपना असली रूप दिखाना शुरू कियारात के करीब 11 बजे सुदीप ने साक्षी को Whatsappपर 4 मिनट की एक छोटी –सी विडियो क्लिप भेजीजिसे देख कर उसके पैरों तले कीजमीन खिसक गयी उसे देख कर वह पागल जैसी हो गयी उसे समझ नहीं आ रही थी आखिर ये सब कैसे हो गया।
यह विडियो क्लिप मुंबई के उस होटल की थी जिसमे साक्षी और सुदीप रात में ठहरे थे।
इस विडियो क्लिप में साक्षी के साथ सुदीप के दोस्त के अलावा सुदीप भी उसके साथ बलात्कार करता हुआ दिख रहे था।
साक्षी उस कमरे में नशे की हालत में बिस्तर पर पडी थीऔर ये सभी उसे जंगली कुत्ते जैसे उसे नोच रहे थेअब साक्षी को सभी बात समझ में आ गयी थी की उस दिन कोल्ड्रिंक में बेहोसी की दवा मिली हुई थी
इधर सुदीप यह विडियो क्लिप भेज कर उसे मुंबई आने की धमकी दे रहा था और मुंबई नही आने पर उस विडियो के साथ बहुत सारे विडियो क्लिप और फोटो वायरल करने की बात कर रहा थासाक्षी विडियो वायरल होने की डर से उसकी बात मानगईऔर वह एक बार फिर से मुंबई जाने के लिए तैयार हो गयी इस बार उसकी बहन सलोनी भी उसके साथ जाने केलिए तैयार थी परन्तु उसे किसी तरह समझकर मना कर दिया
मुंबई जाने के बाद फिर साक्षी के साथ वही बातें दोहराई गयीइसी तरह से धमकी दे दे कर कई बार उसे मुंबई बुलाता रहा।
अब साक्षी काफी परेशान रहने लगी थी। वह हमेशा उदास रहती थी। बार – बार इसका कारण पूछने पर भी कोई जवाब नहीं देती थी।
सुदीप को अच्छी तरह से पता हो चुका था की साक्षी अपनी बहन के साथ हैदराबाद में रहती हैं इसी का फायदा उठाकर सुदीप ने एक बार फिर से ब्लैकमेल करने की कोशिश कीलेकिन इस बार उसकी मांग बहुत अलग थी इस बार वह साक्षी कीबहन सलोनी को भी साथ लाने के लिए मांग कर रहा था परन्तु साक्षी अपनी जिन्दगी तो तबाह कर चुकी थी और वह नही चाहती थी की मेरी बहन की भी यही हाल होउसने हिम्मत कर के सुदीप को मना कर दियालेकिन फिर भी सुदीप अपनी हरकत से बाज नही आ रहा था।
जिसके कारण एक दिन साक्षी ने अपने कमरे में सुसाइड कर लियाऔर इस तरह अपनी जिन्दगी समाप्त कर लीऔर इस तरह एक छोटे से कस्वे की होनहार बेटीहजारो सपने लिए इस दुनिया को छोड़ गई जब यह केस पुलिस के पास पहुंचा तोकई सारी बात सामने आई सुदीप एक अपराधिक प्रवृति का व्यक्ति थाउसका असली नाम गोविन्द खंडवाल थामुम्बई में उसके नाम से कई अपराधिक केस दर्ज थे वह नक्सली संगठन से जुडा हुआ था इसी तरह से कई लड़कियों को अपने जाल में फँसा चूका थाऔर बहुत सारे लड़कों को अपने नक्सली संगठन जोड़ चूका था परन्तु अफसोस सुदीप आज भी पुलिस से फरार हैं।