Kavi dashrath Prajapat

Tragedy

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Kavi dashrath Prajapat

Tragedy

आखिर गुनाहगार कौन?

आखिर गुनाहगार कौन?

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रामू की बेटी बहुत दिनों से बीमार थी घरेलु ईलाज के बावजूद वह ठीक नहीं हो पा रही थी पर शहरी अस्पताल में नहीं ले जाया गया। अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग शहरी अस्पतालों में जाना मुनासिब नहीं समझते।

लेकिन अब बेटी की हालत औऱ भी नाज़ुक होने लगी तब उसे शहरी अस्पताल में ले जाया गया। वहाँ पर ईलाज करने के बाद डाक्टर ने बताया कि इस लड़की के पेट का ऑपरेशन करना पड़ेगा, फ़िलहाल पांच दिन की दवाई लेने को कहा गया यदि इससे ठीक हो जाता है तो ऑपरेशन की जरूरत नहीं होगी। रामू बेटी को लेकर घर आया और प्रतिदिन दवाई शुरू कर दी लेकिन इससे स्वास्थ्य में कोई भी सुधार नहीं आया। अब रामू को डर लग रहा था कि उसकी बेटी का ऑपरेशन करवाना पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी अस्पतालों के लिए एक विशेष गोपनीय बात लोगों में डर कर रही है कि लड़कियों के ऑपरेशन पर डॉक्टर अथवा उनकी टीम के सदस्यों के द्वारा कई बार लड़कियों को बेहोश करके उनके साथ शारीरिक संबंध बना दिया जाता है। इस बात के डर से रामू अपनी बेटी को ऑपरेशन के लिए ले जाना नहीं चाहता था । इसलिए वह अपनी बेटी को लेकर किसी देवी के भोपा के पास गया तो उसकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा क्योंकि वहाँ पर विराजमान भोपा के द्वारा उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी को ऑपरेशन की जरूरत है ही नहीं, ये तो किसी देवी का चढ़ावा बाकी है इसलिए हो रहा है जब चढ़ावा पूरा कर दिया जाएगा तब सब ठीक हो जाएगा। अब रामू ने जल्द ही चढ़ावा पूरा करने के लिए बड़ी रकम से सामग्री खरीदी और चढ़ावा पूरा कर दिया। खुशी के साथ अब वो भोपा के पास से विदा लेकर घर पहुँच गए। पर बेटी की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। और तीसरे दिन बेटी की मृत्यु हो गई। अब विवश पिता किसे गुनाहगार बताये? 


 




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