ज़िन्दगी का संघर्ष
ज़िन्दगी का संघर्ष
ज़िन्दगी एक संघर्ष है
ज़िंदगी एक चक्र है
तुझे ही लड़ना है
तुझे ही जीतना है
यही दस्तूर-ए-
कशमकश है।।
मुश्किल आएगी
हज़ार बार आएगी
तू निकल गया इस घेरे से गर
तुझ से बड़ा कोई जाबाज़ न है।।
विचार आएँगे
हज़ार बार आएँगे
उन विचारों में उलझ कर नहीं
सुलझा के सामना करना तुझे ही है।।
ज़िन्दगी गिरा देगी
ज़िन्दगी हरा देगी
बिना रोये
लताड़ना इसे तुझे ही है।।
रिश्तेदार आएँगे, पड़ोसी भी आएँगे
कुछ दुश्मन,औऱ कुछ
दुश्मन के भेष के
दोस्त भी आएँगे
सही कौन है
इसे पहचान न तुझे ही है।।
तू कितना संभाल पायेगा
शोहरत को अपनी
या कितना गिरेगा
शोहरत से अपनी
फैसला करना तुझे ही है।।
गिरना और गिर के उठना
सिर्फ तुझे ही है..