ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा
ख़ुद की ज़िन्दगी को यूं बेरंग ना समझ लेना
रंगीन खूबसूरत है ज़िन्दगी, बदरंग ना समझ लेना।।
क्यों होती हो हताश जीवन के थपेड़ों से
यही क़ुदरत है, हर ग़म हँस के सह लेना।
कभी खुशी कभी दुःख, कभी रंग वफ़ा के
तुम ज़िन्दगी का इसे फ़लसफ़ा समझ लेना।
हार मत जीवन के ज़ंजालों से, बहादुर हो
हँसते -हँसते हर आफ़त को पार कर लेना।
कब तक भागोगे जीवन की कठिनाइयों से
बेहतर है, हर कठिनाई को अपना बना लेना।
बहुत समय बीता यूं उदास रहते -रहते
गुज़ारिश है, आज खिलखिलाकर हँस देना ।।