ज़िन्दगी बना ले यारा
ज़िन्दगी बना ले यारा
तेरी हो जाने का ख्व़ाब देखती हूँ मैं रोज,
क्या सच में तेरी चाहत हूँ मैं या हूँ सिर्फ़ बोझ ?
कब तक तेरी दुनिया में जाने के अरमान सजाती रहूँ,
कब तक तेरी याद में वेवजाह गुनगुनाती रहूँ,
तू क्या जाने तेरे बिना केसे होता मेरा गुज़ारा ?
कब तक बनी रहूँ मैं धुन तेरी मुझे अपनी रागिनी बना ले न यारा.
तेरे मेरे रिश्ते की मैं हर पल नज़र उतारूँ,
करुँ न बेशक जादू-टोना पर रब का नाम पुकारूँ,
तुझे पाने के लिए हर मन्दिर, दरगाह की भिखारन मैं बन जाऊँ,
जो राह है तुझ तक जाती हर उस राह की बन्जारन मैं बन जाऊँ,
मुझे जरुरत है तेरे साथ की अब तू दे दे मुझे सहारा,
कब तक बनी रहूँ मैं राधिका तेरी मुझे अपनी रुक्मिणी बना ले न यारा
तेरे मेरे रिश्ते का वो खूबसूरत पल कब आएगा ?
जब सिर्फ़ मेरा नाम तेरे नाम से जोड़ा जाएगा,
कब तक उस पल को मेरी रूह यूँ ही तरसे,
कब तक इन अरमानों के साथ मेरे आँसू बरसे,
बीच सागर फ़सी मेरी कश्ती को दे दे तू किनारा,
कब तक बनी रहूँ मैं जान तेरी मुझे अपनी ज़िन्दगी बना ले न यारा.
मुझे अपनी ज़िन्दगी बना ले न यारा।