आजा साँवरिया
आजा साँवरिया
उत्साह है, उमंग है, खुशियों की बौछार है।
गीत है, संगीत है, प्रेम की बहार है।
रंग है, गुलाल है, पिचकारी भी तैयार है।
मिठाई है, नमकीन है, रंगीन सभी घर द्वार है।
झूम रहे हैं सब आज, क्यूँकी होली का त्योहार है।।
आजा अब तो साँवरिया बस तेरा इंतज़ार है....
आजा मेरे साँवरिया बस तेरा इंतज़ार है........
रंगोली भी बना ली मैंने, पकवानों से सजा लिए थाल।
बिना तुझको रंग लगाए, कहीं निकल न जाए ये साल।
कैसे बताऊँ तुझको मैं? तेरे बिना मेरा क्या है हाल?
आकर बस एक बार तू , रंग दे मेरे गोरे गाल।।
होली खेलने का तेरे संग, मुझपे जुनून सवार है........
आजा अब तो साँवरिया बस तेरा इंतज़ार है........
आजा मेरे साँवरिया बस तेरा इंतज़ार है........
रंग दे मुझको चाहे गुलाबी, प्रेम को मेरे दे कामयाबी।
या फिर लगा दे रंग नीला, मन को भाए जो सजीला।
केसरी, सफ़ेद, हरा, लाल, आसमानी या पीला,
काला, बैंगनी या जो अलग रंग हो चमकीला।
रंग बरसे मुझपे बस तेरे, तू बन जाए मेरा रंगीला।
मैं दीवानी तेरी राधा, तू मेरा श्याम छबीला।।
तुझसे लगने वाला, हर रंग मुझे स्वीकार है.......
जुदाई हो या मिलन, तेरा हर रंग मेरा श्रृंगार है........
आजा अब तो साँवरिया बस तेरा इंतज़ार है........
आजा मेरे साँवरिया बस तेरा इंतज़ार है.........
तुझे लगाने को रंग, हाथ मेरे तरसे........
तू भी न आया रुबरु, ज़माने के ड़र से........
मैं भी न निकल पाई, इस भीड़ में अपने घर से.......
फिर भी मेरे अश्कों के, तेरे लिए ही रंग बरसे.......
फिर भी मेरी चाहत के, तेरे लिए ही रंग बरसे........