यादों की ख़ुशबू
यादों की ख़ुशबू


वो तुम्हारा इतना महकना मुझमें
बादलों सा आ कर बरसना मुझमें
मुंह मोड़ भी लूं कभी खफा होकर
पर सताता है तेरा यूँ बसना मुझमें।
वो तुम्हारा इतना महकना मुझमें
बादलों सा आ कर बरसना मुझमें
मुंह मोड़ भी लूं कभी खफा होकर
पर सताता है तेरा यूँ बसना मुझमें।