वसंत तू न जा
वसंत तू न जा
वसंत तेरे आने की खुशी,जीवन की नयी राह दिखायी
मन में उमंग जगाये,अंखियों में प्यार लाये
दिल का करार लाये, दिलबर सा इकरार लाये।
ठंड़ी आहें ढ़ूंढती निगाहे ,बस तेरा इंतज़ार हो,
लो मैंने बांधे हैं पायल ,नांचू जीवन में होके मगन।
बस तू वहीं ठहर, बोलूं मैं तोसे सजन,
हर दिन जो हो तुझसे मिले तनमन,
आज बोलूं मैं दिल की ही बात
रह जा न जा कभी ,आ जा आ रे पिया….
न जा छोड़ मुझे,वसंत की फुहार लिये
रह जा तू दिल में मेरे, अब ना तू जा रे
मन के ओ मीत मेरे, अब न तू जा….

