वसंत तू बड़ा मस्त रे
वसंत तू बड़ा मस्त रे
वसंती बहार की मौज में
दिल लेता हिलोर रे
महबूब को मिलने का
दिल हुआ आज तो
वसंत तू बड़ा मस्त रे।
वसंत तू क्या कमाल रे
पवन चले पलाश में
बौर का रूबाब तू
मन का पंछी भी उड़ाये तू
वसंत तू बड़ा मस्त रे।
गुलाबी मेरे गाल हुये
नैन साजन की राह तके
दिल को न रोक सके
टोके न रोक सके
वसंत बहार आयो रे।
गीत होठों पे आये
सपने नैनों में छाये
आज तो दिल झूमे गाये
मस्त हुआ साज़ रे
वसंत तू बड़ा मस्त रे।
