वरदान की तरह
वरदान की तरह
लोग घुलते आपस में कुछ इस तरह,
दूध में घुले हुए पानी की तरह।
हम भी खिले कुछ इस तरह,
जल में खिले जलज की तरह।
हम रहें कुछ इस तरह,
शरीर में प्राणों की तरह।
हम करें कुछ इस तरह,
सब सुखी हों जिस तरह।
हम सहें सब इस तरह,
भूमि सहती है जिस तरह।
हम बहें सब इस तरह,
नदी बहती है जिस तरह।
हम फलें सब इस तरह,
पेड़ फलते हैं जिस तरह।
ईश्वर को भजें इस तरह,
वरदान प्राप्त हो जिस तरह।