Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

V. Aaradhyaa

Inspirational

3  

V. Aaradhyaa

Inspirational

उज़ास भरी धूप

उज़ास भरी धूप

1 min
151


एक आस बंधाई है नई सुबह ने,

अब निराशा के बादल छँट जाएंगे !

परिश्रम रूपी सशक्त औज़ार से,

किस्मत की नई आकृति रच जाएंगे !


बेहद घना अंधेरा छाया हो तब भी,

अब उम्मीद उजास रूपी धूप खिलेगी !

उदास ना हो रे मेरे भोले भाले मन,

मन की सोच अपने अनुरूप मिलेगी !


मन में ठान लिया है तो अब पीछे ना हटना,

अपने कर्म और लक्ष्य को सदा आगे रखना !

कभी अपने आप पर विश्वास ना कम करना,

एक दिन अपना नाम सुनहरी स्याही से लिखना !



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational