वो यादें
वो यादें
इत्तफाक से जो मुलाकात हुई
वो रात कितनी बेचेन होगी।
बातों बातों में जो ढल गई
वो शाम कितनी मस्तानी होगी।
तेरी ऑंखों में डूब कर जो लड़खड़ाई
वो जाम कितनी मदहोश होगी।
हवा के जैसे छूकर जो गुजरी
वो यादें कितनी सुहानी होगी।
इत्तफाक से जो मुलाकात हुई
वो रात कितनी बेचेन होगी।
बातों बातों में जो ढल गई
वो शाम कितनी मस्तानी होगी।
तेरी ऑंखों में डूब कर जो लड़खड़ाई
वो जाम कितनी मदहोश होगी।
हवा के जैसे छूकर जो गुजरी
वो यादें कितनी सुहानी होगी।