STORYMIRROR

Akshita handa

Abstract

4  

Akshita handa

Abstract

वो तेरा प्यार..

वो तेरा प्यार..

1 min
187

जब तुम खास थे,

हमारे बहुत पास थे..

वो तेरा फिक्र दिखाना,

और मेरा बस शरमाना...

वो तेरा प्यार जताने का अंदाज

और मेरा न कर पाना उसे नजरंदाज...

वो तेरा हर पल गीत गाना,

और मेरा उसमे खो सा जाना...

वो तेरा मुझे मनाना,

और मेरा झट से मान जाना..

वो तेरा किया गया हर वादा,

ना जाने क्यों लगता हैं अब आधा..

तेरे वो दिखाये हुए हर सपने,

अब नहीं लगते है अपने...

वो प्यार भरी बातें,

बन गई अब बस यादें..

तेरी शक्ल जिसपे इतना प्यार आता था,

अब न जाने क्यू देखा भी नहीं जाता..

ना जाने कहाँ गए वो पल,

जिनको याद करके हम खुश हुआ करते हैं हर पल..

कभी ना आओ तुम सामने मेरे,

बस यही दुआ करते हैं हर सवेरे..

खुश रहो तुम हमें अपनी जिंदगी में,

बस यही मिन्नत करते हैं भगवान से।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract