STORYMIRROR

Shreya Shrivastav

Drama Inspirational

3  

Shreya Shrivastav

Drama Inspirational

वो लड़की.....

वो लड़की.....

1 min
29

बेगुनाह होकर भी 

हर सितम वो चुप चाप सह जाती है 

कहने को बातें उसके पास भी है खूब 

पर कहे भी तो किस से 

कभी समझ ही नहीं पाती है 

दूसरे के दोषों की 

गुनहगार वो क्यों यू कहलाती है 

दुनिया की बातों से 

वो कभी खुद को मायूसी ना

करना चाहती है 

पर करे भी तो क्या 

हर मोड़ पर आकर 

वो "JUDGE" कर दी जाती है 

ज़रा ऊँची आवाज़ में जो अपनी बात रखे 

तो बदतमीज़ कहलाती है 

जो गुमसुम रहे तो 

दोषी ठहराई जाती है 

क्यों एक लड़की जीवन के हर मोड़ पे 

यू आंकी जाती है 



Rate this content
Log in

More hindi poem from Shreya Shrivastav

Similar hindi poem from Drama