वो खुद तो........
वो खुद तो........
किसी ने मुझे निखरना सीखा दिया
किसी ने मेरा डरना भुला दिया
वो खुद तो सब भूलने लगे,
और मुझे सब याद रखना सीखा दिया
बातों में खुद की इबादत करना सीखा दिया
हर बात में मेरी अपना जिक्र करा दिया
वो खुद तो परवाह करने लगे,
और मुझे बेपरवाह बना दिया
नजरे किसी की देखकर, यूँ चुभती सी थी
उन नजरों ने मुझे सामना करना सीखा दिया
वो खुद तो झुकने लगे,
और मुझे ऊपर उठना सीखा दिया
सपनों को जिसने जरा हकीकत बन
सब खो कर भी जिसने कुछ पाना सीखा दिया
वो खुद तो चहकते ही है
और मुझे भी चहकना सीखा दिया
विचारों को जिसने मेरे सादा बना दिया
ख़ुशी को जिसने कम से ज्यादा बना दिया
वो खुद तो गम को पाने लगे,
और मुझे हर हाल में मुस्कुराना सीखा दिया
अक्सर मैं कविता तो लिखती ही थी
पर कलम को मेरी उन्होंने इस कदर घुमा दिया
वो खुद तो शब्दों से खेलते ही है,
ना जाने मुझे कब उन्होंने शायर बना दिया

