Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

राजकुमार कांदु

Inspirational

4  

राजकुमार कांदु

Inspirational

वक्त

वक्त

2 mins
289


ऐ वक्त नहीं तू क्यूँ थकता ?

हरदम ही चलता रहता है

दम ले ले घड़ी भर रुक कर तू

मत सोच कौन क्या कहता है ?

दिन भर चल चल कर सूरज भी

जब शाम ढले थक जाता है

फिर दूर कहीं वह पश्चिम में

जा रजनी में खो जाता है

चंदा भी रोज नहीं उगता

घर अपने ही रुक जाता है

फिर तू ही नहीं है क्यूँ रुकता

तेरा जग से क्या नाता है ?


सुनकर मुझ मूरख की बातें

फिर वक्त बड़ा मुस्काया है

तू साथ मेरे बस चलता चल

कहकर मुझको समझाया है

धरती से लेकर अम्बर तक

पर्वत से लेकर समंदर तक

देवों से लेकर दानव तक

पशुओं से लेकर मानव तक

जो साथ चला मेरे सुन लो

उसने ही मंजिल पायी है

जिसने भी मेरी सुधि ना ली

बस हरदम मुंह की खायी है


जो सोया उसने खोया है

कुछ पाने को कुछ करना है

झर झर बहता झरना कहता

जीवन हरदम ही चलना है

जीवन सरगम हर पल बजता

नित गीत नए मैं गाता हूँ

कुछ देर वक्त के साथ चला

खुद को मंजिल पर पाता हूँ


Rate this content
Log in