वक़्त
वक़्त
वक्त के हाथ में है तुम्हारा करम।
करो जल्दी नहीं तो निकल जायेगा।।
सोचो और बिचारो न ज्यादा तुम ।
नही तो हाथ मलता ही रह जायेगा।।
कर्म करते हुये नित प्रगति पर रहो ।
नहीं तो बस निकम्मा ही कहलायेगा।।
कर्म क्षेत्र बहुत बड़ा है गगन सा ।
कर्म से ध्रुव सितारा तू बन जायेगा।।
राजू ने ज्ञानियों से यही है सुना ।
कर्म करके ही जग में तू रह पायेगा।।