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शिवाँग मिश्रा राजू

Abstract

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शिवाँग मिश्रा राजू

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वक़्त

वक़्त

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वक्त के हाथ में है तुम्हारा करम।

करो जल्दी नहीं तो निकल जायेगा।।


सोचो और बिचारो न ज्यादा तुम ।

नही तो हाथ मलता ही रह जायेगा।।


कर्म करते हुये नित प्रगति पर रहो ।

नहीं तो बस निकम्मा ही कहलायेगा।।


कर्म क्षेत्र बहुत बड़ा है गगन सा ।

कर्म से ध्रुव सितारा तू बन जायेगा।।


राजू ने ज्ञानियों से यही है सुना ।

कर्म करके ही जग में तू रह पायेगा।।


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