विश्वास
विश्वास
कभी किसी को किसी
से जोड़ देता हूँ...!
तो कभी किसी को
तोड़ देता हूँ...!!
कोई मुझे अपना
बना लेता है...!
तो कोई अपने सपने में
भी नहीं आने देता हैं...!!
मुझसे ही बंधीं हैं
सच्चे रिश्तों की डोर...!
रातों के बाद में ही
लाता हूँ नई भोर...!!
आँखों में देख के कोई
मुझे जान ले...!
कोई बिन बोले
मुझे पहचान ले...!!
खामोशी का मतलब
मैं जानता हूँ...!
इसलिए हर किसी के
साथ मैं नहीं हूँ...!!