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डॉ अश्विनी शुक्ल

Inspirational

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डॉ अश्विनी शुक्ल

Inspirational

वीर सपूतों को प्रणाम

वीर सपूतों को प्रणाम

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भारत माँ के बीर सपूतों शत शत बार प्रणाम है।

माँ के वीर सपूतों तेरी अनुपम कीर्ति ललाम है ।।

शांति,अहिंसा और विश्वबन्धुत्व हमारा धर्म है ।

जिओ और जीने दो हमको यही हमारा मर्म है ।।

अगर एक भी हुई शहादत तो हमदस सिर काटेंगे । 

बोटी बोटी काटकाट कुत्तों के आगे बाँटेंगे ।।

नीच, धूर्त,पाखण्डी,पापी का यह घृणित कुकर्म है।।

उसे समझ में आया होगा , यही पड़ोसी धर्म है ।

लक्ष्मण रेखा के उल्लंघन का सुंदर परिणाम है ।।

भारत मां के वीर सपूतों, शत-शत बार प्रणाम है।।

मजहब को आधार मानकर ,अखण्ड भारत बाँट लिया ।

भारत माँ के शुभ्रभाल को भारत माँ से छांट लिया ।।

घाटी में बन्दुके बोकर के अशांति फैलाया है ।

केसर की माटी में तूने खूनी खेल रचाया है ।।

शांति वार्ता की मेजों पर कोई बात नहीँ होगी ।

गोली के बदले में गोली ही केवल बोली होगी ।।

पुलवामा के ही कुकर्म का सुन्दरतम परिणाम है ।

भारत माँ के

वीर सपूतो शत शत बार प्रणाम है ।।

 भारत की सीमा पर चौकस डटे हमारे शेर हैं।

अगर आँख दिखलाई तुमने, नहीँ तुम्हारी खैर है।।

चुपके चुपके कायर जैसे रात अँधेरे में आते ।

सोते शेरो के ऊपर चुपके से हमला कर जाते ।।

हार तुम्हारे लिए हार है,तुमतो इसके आदी हो ।

यही समझ में नहीँ आ रहा आखिर कितने पाजी हो ।।

छद्म युद्ध करने का पापी पाक यही परिणाम है ।

भारत माँ के वीर सपूतो ,शत शत बार प्रणाम है ।।

हम घुसकर बदला लेते हैँ और मारकर आते हैं ।

विश्वमंच पर यशोगान हम फिर वीरों का गाते हैं ।।

बार-बार अपनी गलती अक्सर दुहराते जाते हो ।

राष्ट्र संघ के दरवाजे पर फिर जाकर रिरियाते हो ।।

अमरीका के टुकड़ो पर पापी भरता पेट है।

इसी बात का सारे जग को फिर से मिला प्रमाण है ।।

भारत माँ के बीर सपूतों शत शत बार प्रणाम है ।।

     

      



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