वापस लौट आओ ना
वापस लौट आओ ना
अरसा बीत गया दीदार किये
अब तो मन बहलाओ ना
अपनी तस्वीर लगाओ ना ।
सूने पड़े हैं कान तेरी आवाज को
इनमे एक रस घोल जाओ ना
अब अपनी आवाज सुनाओ ना ।
वक़्त निकालकर थोड़ा
मुझ संग तो बतलाओ ना
अब कभी मिलने आओ ना ।
भुलाकर सब गिले शिकवे
शिकायतें दूर छोड़ आओ ना
अब वापस लौट आओ ना।