उठो नवयुवक
उठो नवयुवक


उठो नवयुवक अब वो दिन नहीं है सोने के,
ये दिन है नवभारत के निर्माण के।
बुझ गई वो चिंगारी, हमे फिर से जलानी होगी
इन भ्रष्ट नेताओं की राजनीति अब ख़त्म करनी होगी ।
किसे को तो अशोक बनना पड़ेगा इस खेल में
जो करे बात देश हित की ऐसा महाराणा प्रताप चाहिए
पक्षपात करे जो ऐसा नेता अब नहीं चाहिए,
बुझ गई वो चिंगारी, हमे फिर से जलानी होगी
इन भ्रष्ट नेताओ की राजनीति अब ख़त्म करनी होगी।
किसी को तो कृष्ण बनना पड़ेगा इस राजनीति के युद्ध में,
जानकर अनजान नहीं बनना अब इस खेल में
चाहे हो कांटे इन राहों में या हो राहें इन कांटों में,
उठो नवयुवक अब वो दिन नहीं है सोने के
ये दिन है नवभारत के निर्माण के।