Himanshu Vimal
Classics
थक गया तू जिन्दगी में चलते चलते,
ऐ मुसाफ़िर रुक तनिक, आराम कर ले l
क्यो चला है तू बिन उद्देश्य जीवन को समझने ,
बिन उद्देश्य ये जीवन व्यर्थ निरर्थक समझ ले l
सोच जीवन के उद्देश्य को थोड़ा थाम ले
ऐ मुसाफिर रुक तनिक आराम कर ले।
उद्देश्य
प्यार दिलों में जगाता है और प्यार की कहानियां को अधूरा छोड़ता है... प्यार दिलों में जगाता है और प्यार की कहानियां को अधूरा छोड़ता है...
वोटों की नर्सरी उगा वोट बैंक तैयार कर लिया... वोटों की नर्सरी उगा वोट बैंक तैयार कर लिया...
मैं लिखूँगा तुम्हें हर दर्द, हर उम्मीद हर एहसास में... मैं लिखूँगा तुम्हें हर दर्द, हर उम्मीद हर एहसास में...
अकेले-अकेले कब तक व्यतीत होगा यह जीवनकाल, प्रेम बंधन की अनगिनत बातें सजीव रहेंगी जीवनकाल... अकेले-अकेले कब तक व्यतीत होगा यह जीवनकाल, प्रेम बंधन की अनगिनत बातें सजीव रहेंग...
एक दहाड़ सच की लगाई है जंगल पूरा घबरा गया है... एक दहाड़ सच की लगाई है जंगल पूरा घबरा गया है...
गौरव तो है ही नहीं तू खुदा कह या कुदरत कहे... गौरव तो है ही नहीं तू खुदा कह या कुदरत कहे...
आए जवानी जब भी, यह प्रकृति एहसास दिलाए, क्या उल्लेखन इसका करना, ये परिपूर्ण है खुद में... आए जवानी जब भी, यह प्रकृति एहसास दिलाए, क्या उल्लेखन इसका करना, ये परिपूर्ण ह...
न हो नींव मुकम्मल क्या घर भी फिर... न हो नींव मुकम्मल क्या घर भी फिर...
सच्चा दोस्त, सच्ची तड़प; सच्ची फ़िक्र, सच्ची रहनुमाई, मेरा भाई... सच्चा दोस्त, सच्ची तड़प; सच्ची फ़िक्र, सच्ची रहनुमाई, मेरा भाई...
जीतेगा भारत, आगे बढ़ेगा भारत; चुनेंगे जिसको वही बाहुबली है... जीतेगा भारत, आगे बढ़ेगा भारत; चुनेंगे जिसको वही बाहुबली है...
फिसलती उम्र के बाद भी बिल्कुल नया हूँ मैं अब भी और तुम अब भी कोई नवयौवना लगती हो मेरे बचपन की सहेली फिसलती उम्र के बाद भी बिल्कुल नया हूँ मैं अब भी और तुम अब भी कोई नवयौवना लगती हो...
ईश्वर ने जो सोच रखा है उसमें विघ्न क्यूँ ! होनी तो काहू विधि ना टरे ... ईश्वर ने जो सोच रखा है उसमें विघ्न क्यूँ ! होनी तो काहू विधि ना टरे ...
मैहर तेरा धाम बड़ा माँ शारदा तू कहलाए... मैहर तेरा धाम बड़ा माँ शारदा तू कहलाए...
कुछ किताबें चंद किस्से और क्या था, बस यही तो ज़िन्दगी का है फ़साना... कुछ किताबें चंद किस्से और क्या था, बस यही तो ज़िन्दगी का है फ़साना...
बेफ़िक्री तो मेरी अब भी, उसी बचपन की गुल्लक में पड़ी है... बेफ़िक्री तो मेरी अब भी, उसी बचपन की गुल्लक में पड़ी है...
बहुत मन भाए ये झम-झम बरखा जब बूँदों का शोर मचाए... बहुत मन भाए ये झम-झम बरखा जब बूँदों का शोर मचाए...
अच्छा है, इन यादों का सफर मेरी साँसों तक है बस फिर चाहकर भी ये यादें... अच्छा है, इन यादों का सफर मेरी साँसों तक है बस फिर चाहक...
पुरुषोत्तम रहोगे तुम पर मैं सर्वोत्तम न हो पाऊँगी..... पुरुषोत्तम रहोगे तुम पर मैं सर्वोत्तम न हो पाऊँगी.....
ये आज की स्त्रियाँ हैं इन्हें कमज़ोर समझने की भूल न करना ये आज की स्त्रियाँ हैं इन्हें कमज़ोर समझने की भूल न करना
वह जो छलका है अनमोल, उससे ना सौदा कीजे... वह जो छलका है अनमोल, उससे ना सौदा कीजे...