उड़ान
उड़ान


अरे मत पकड़ो ! इन पंछी को
अरे मत रोको ! इनकी उड़ान
उड़ने दो इनको नील गगन में
यही तो है इनके हौसले की दास्तान।
अरे मत पकड़ो ! इन पंछी को........
पीते तो सिर्फ़ पानी है हम
खाने दो थोड़ा दाना आहार
मत मारो हमें भूखा पेट
नहीं जी सकते हम शोषण का संसार।
अरे मत पकड़ो! इन पंछी को
क्यों बांध देते हों हमे अंधकार में
क्यों काट देते हो हमारे पंख
अरे जीना चाहते हैं हम ।
उड़ना चाहते है हम ।
इस संसार में बिगुल बजना चाहते है।
अरे मत रोको! इन पंछी को
अरे मत पकड़ो ! इनकी उड़ान
उड़ने दो इनको नील गगन में
यहीं तो है इनके हौसले की दास्तान
अरे मत रोको !इन पंछी को ।