स्त्री हो तुम भूलो मत
स्त्री हो तुम भूलो मत
स्त्री हो तुम भूलो मत।
किसी की बहन तो किसी की बेटी
किसी की मां को किसी की साथी
इस धरती की ज्वाला हो तुम।
स्त्री हो तुम भूलो मत।
अपनी गरिमा का उल्लंघन करो मत
स्त्री हो तुम भूलो मत।
सांसारिक मोह माया से दूर रहो तुम
स्त्री हो तुम भूलो मत।
तुम्हारा नाम तुम्हारी पहचान
रोशन करना तुम्हारा काम हैं
स्त्री को तुम भूलो मत।
कलम को अपना सहारा बनाओ
खुद की पहचान तुम खुद बनाओ
स्त्री हो तुम भूलो मत।
इंदिरा, कल्पना, सानिया
और टीना बनकर दिखाओ तुम
स्त्री हो तुम भूलो मत।
इस राग को अपने
मन में बसाओ तुम
और अंधकार को अपने जीवन में
आग लगाओ तुम
स्त्री हो तुम भूलो मत स्त्री हो तुम भूलो मत।