उदासी का रंग
उदासी का रंग
उदासी इन दिनों
कई बार मेरे सामने से गुजरी है,
उसे जितनी बार देखा
लगने लगा है कि
इसका रंग काला नहीं होता
अलबत्ता कोई एक रंग ही नहीं होता है ।
कई बार
उदासी मुझे
लावारिस सी
आम के
झड़े पीले पत्तों में,
नीम की काली-भूरी
उखड़ती छाल में ,
अमरूद की तोड़ी गई
हरी शाख की जगह
नारंगी रंग में उभरती,
नागफनी के कांटों की जगह
बूंद भर बेरंग सी,
जहरीले आक पर
सफेद दूध सी बहती भी मिली है।
मुझे लगता है
इन उदासियों को भी
मुस्कराना सीखना चाहिए,
दर्द में डूबे रंगों की उदासी
किसी को नजर नहीं आती,
ये किसी को अपनी नहीं लगती।