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Archana Goyal

Inspirational

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Archana Goyal

Inspirational

तू भी माँ मैं भी माँ

तू भी माँ मैं भी माँ

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माँ तेरी याद आती है जब बेटी को गुड़िया कह कर पुकारती हूँ
तो तेरे मुँह से अपने लिए मुनिया माँ।
माँ तेरी याद आती है जब सहलाती हूँ अपनी बेटी के गाल
तो अपने गालों पर तेरे होंठों की चुमिया माँ।

माँ तेरी याद आती है जब अपनी बेटी के बाल सँवारती हूँ
तो तेरे हाथ से बनी दो चोटियाँ माँ।
माँ तेरी याद आती है जब जागती हूँ अपनी बेटी के लिए
तो आँखों में काटी होगी तुमने भी कितनी रतियां माँ।

माँ तेरी याद आती है जब बच्ची को खाना खिलाती हूँ
तो तेरे हाथ की गरम नरम रोटियाँ माँ।
माँ तेरी याद आती है जब बेटी के कुर्ते में बटन लगाती हूँ
तो तेरे हाथ से मेरे फ्रॉक पर बनी बूटियां माँ।

माँ तेरी याद आती है जब बेटी आँखों से एक पल को भी ओझल हो
तो तेरे मेरे बीच की कोसों दूरियाँ माँ।
माँ तेरी याद आती है जब तेरी ममता की माला में पूर्णता
तो अपनी ममता की माला में कमियाँ माँ।

माँ तेरी याद आती है जब अपनी बेटी को गोद में लिटाती हूँ
तो तेरी गोद में समाई सारी दुनिया माँ।

 


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