एकांत *
Romance
ऐसा नहीं कि
तुम बिन जीवन नहीं।
पर ये जो ज़िंदादिली है,
तुम से ही है।
जान
वास्ता
तुम बिन
मैं से हम बनाने की उत्तकंठ अभिलाषा लिए तुम उस पल में एक योगाभ्यासिनी के स्वरुप मैं से हम बनाने की उत्तकंठ अभिलाषा लिए तुम उस पल में एक योगाभ्यासिनी...
एक दूसरे की धड़कन सुने, स्वर्ग की सैर पर चले। एक दूसरे की धड़कन सुने, स्वर्ग की सैर पर चले।
लिखकर रखना चाहती हूँ सबसे छुपा कर नहीं चाहती कोई परीक्षा लिखकर रखना चाहती हूँ सबसे छुपा कर नहीं चाहती कोई परीक्षा
छिप रहा है चाँद, पत्तों में कहीं फिर तुझसे मिलने की चमक देकर। छिप रहा है चाँद, पत्तों में कहीं फिर तुझसे मिलने की चमक देकर।
खोल दो मुक्त होकर हृदय द्वार अब रूप अवगुंठ मे कब तलक यूं छिपाओगी तुम खोल दो मुक्त होकर हृदय द्वार अब रूप अवगुंठ मे कब तलक यूं छिपाओगी तुम
यही ख़्याल ख़्याल न होकर रूबरू कुछ कह देता। यही ख़्याल ख़्याल न होकर रूबरू कुछ कह देता।
सो को मेघ से लेकर स्वयं को अजर अमर समझूंगा मैं कालिदास तो नहीं किंतु।।।।। सो को मेघ से लेकर स्वयं को अजर अमर समझूंगा मैं कालिदास तो नहीं किंतु।।।।।
बस इक बार लास्ट सीन देखने वाली बेचैनियां इश्क़ है। बस इक बार लास्ट सीन देखने वाली बेचैनियां इश्क़ है।
अब शायद मौन हो गई हो रुह मेरी, पर तब भी, दिल में शायद धड़कनें बाकी है। अब शायद मौन हो गई हो रुह मेरी, पर तब भी, दिल में शायद धड़कनें बाकी ...
प्रेमरत सौभाग्य की मधुर बेला में प्रतीक्षा करो तुम तब तक। प्रेमरत सौभाग्य की मधुर बेला में प्रतीक्षा करो तुम तब तक।
वक्त की लहरों में जो छूट गए थे हाथ से। वक्त की लहरों में जो छूट गए थे हाथ से।
जब तुम लौट आओ घर को और कोई बहाना बाकी न हो। जब तुम लौट आओ घर को और कोई बहाना बाकी न हो।
तुझे तो याद होगा आसान काम कहां आता है मुझको। तुझे तो याद होगा आसान काम कहां आता है मुझको।
यह तुम्हारा ही नशा है, जिसने मुझे प्रेम में डुबोया है। यह तुम्हारा ही नशा है, जिसने मुझे प्रेम में डुबोया है।
तो बता क्या फिर से ऐसे ही तड़पाने आएगी तू। तो बता क्या फिर से ऐसे ही तड़पाने आएगी तू।
वो तुम्हारे गहरे आँखों को शून्यता में दिख जाऊँगी। वो तुम्हारे गहरे आँखों को शून्यता में दिख जाऊँगी।
है नसीबों की ये कहानी सब अब ये क़िस्मत लिखी नहीं जाती। है नसीबों की ये कहानी सब अब ये क़िस्मत लिखी नहीं जाती।
वो तोहफ़े वाली शॉल तुम्हारी बाँहों सी लिपट जाती है फिर सरसराती हवा हौले से कुछ कह जाती है वो तोहफ़े वाली शॉल तुम्हारी बाँहों सी लिपट जाती है फिर सरसराती हवा हौले से...
खारी-खारी बूंदें भी अमूल्य लगने लगती है ! खारी-खारी बूंदें भी अमूल्य लगने लगती है !
पांव ना टिके धरती पर और वो बस उड़ती रहे हवाओं में ! पांव ना टिके धरती पर और वो बस उड़ती रहे हवाओं में !