टूटे रिश्ते
टूटे रिश्ते
ये 'रिश्ते-नाते' होते हैं, बड़े ही अजीब
इससे एक इंसान दूसरे के रहता है, बड़ा ही करीब
आज के इस बदलते युग में सब एक-दूसरे को भूल हैं जाते
तब यह रिश्ते-नाते मोती की तरह हैं बिखर जाते
केवल पैसे वालों के साथ रखा जाता है नाता
जिसके पास है पैसा सब को वही है भाता
उससे ही हर कोई रखना चाहता है व्यक्तिगत संबंध,
क्योंकि वह ही कराएगा बेटी की शादी का पूरा 'प्रबंध'
किसी को तो करती रहनी है सदा उसकी सेवा।
क्योंकि यही देगा उसे धन रूपी मेवा।
अपनों से ज्यादा, पैसों पर भरोसा
बुद्धू! कर बैठेगा अपना ही सौदा।
वो दिन दूर नहीं जब, पैसे ही आईना दिखाएंगे
फिर 'टप-टप' आँखों से, आँसू बहते जाएंगे।
टूटे रिश्तों को कैसे जोड़ पाओगे?
यार-दोस्त, भाई-बहन किराने से लाओगे!?